डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ का विरोध करने वाले एक असिस्टेंट टीचर पर सख्त कार्रवाई की गई है। लोधा विकासखंड के शाहपुर कुतुब गांव के अपर प्राइमरी स्कूल में तैनात शिक्षक शमसुल हसन को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने निलंबित कर दिया है। यह मामला बुधवार (12 नवंबर 2025) का है, जब स्कूल में सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान राष्ट्रगान के बाद ‘वंदे मातरम’ गाने पर शिक्षक ने आपत्ति जताई थी। जानकारी के मुताबिक, बुधवार को आयोजित प्रार्थना सभा में पहले राष्ट्रगान गाया गया। इसके बाद जैसे ही ‘वंदे मातरम’ शुरू हुआ, असिस्टेंट टीचर शमसुल हसन ने विरोध जताते हुए कहा कि यह उनके मजहब के खिलाफ है। उन्होंने स्कूल स्टाफ से अभद्र भाषा में बात की और कथित रूप से धमकी भरे लहजे में कहा कि “मैं मुसलमानों को इकट्ठा कर मीटिंग करूंगा, यह नारा स्कूल में नहीं चलेगा। उनके इस व्यवहार से स्कूल परिसर में हड़कंप मच गया और वातावरण तनावपूर्ण हो गया।
प्रधानाध्यापिका ने दी शिकायत, जांच में सही पाए गए आरोप
प्रधानाध्यापिका सुषमा रानी ने बताया कि यह पहली बार था जब स्कूल में ‘वंदे मातरम’ गाया जा रहा था। उन्होंने और अन्य शिक्षकों चंद्रपाल सिंह, प्रेमलता, सबीहा साबिर, महेश बाबू और राजकुमारी ने संयुक्त रूप से बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) को लिखित शिकायत दी। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि शमसुल हसन का व्यवहार अनुशासनहीनता और धार्मिक सौहार्द के खिलाफ था। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में ‘वंदे मातरम’ के 150वें वर्ष (7 नवंबर 2025) के मौके पर सभी सरकारी स्कूलों में इसे प्रार्थना सभा का अनिवार्य हिस्सा बनाया था। इस आदेश के बावजूद हसन ने इसका विरोध किया, जिसे शासन के निर्देशों का सीधा उल्लंघन माना गया। जांच के दौरान जिला समन्वयक (निर्माण कार्य) और बीएसए कार्यालय की टीम ने स्कूल का निरीक्षण किया। बीएसए डॉ. राकेश कुमार सिंह ने कहा कि आरोप पूरी तरह सही पाए गए हैं।
निलंबन आदेश जारी
जांच रिपोर्ट के आधार पर शमसुल हसन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और उन्हें गंगीरी विकासखंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजगहीला से संबद्ध कर दिया गया है। निलंबन अवधि में वे वहीं से विभागीय कार्यवाही के तहत अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। बीएसए ने कहा कि शासन के आदेशों का पालन प्रत्येक शिक्षक का दायित्व है। धार्मिक आधार पर विरोध या विभाजनकारी बयान किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। विद्यालय में अनुशासन और सौहार्द बनाए रखना सर्वोपरि है।” निलंबित शिक्षक शमसुल हसन का कहना है कि उन्होंने केवल अनुरोध किया था कि ‘वंदे मातरम’ न गवाया जाए, क्योंकि यह पहली बार हो रहा था। उन्होंने सहकर्मियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया, लेकिन जांच में यह दावा असत्य पाया गया।
अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि अब स्कूल में प्रार्थना सभा सामान्य रूप से आयोजित की जाएगी और छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।