डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, यहां पुलिस की लापरवाही के चलते पहली क्लास में पढ़ने वाले एक मासूम बच्चे को “शांति भंग” (धारा 107/116) का नोटिस भेज दिया गया। नोटिस देखकर परिवार के होश उड़ गए। हालांकि, अब पुलिस ने गलती मान ली है और संबंधित दारोगा के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मामला क्वार्सी थाना क्षेत्र का
मामला अलीगढ़ के क्वार्सी थाना क्षेत्र के राजीव नगर का है। यहां निजी नर्सिंग होम में कार्यरत डॉक्टर हितेश चौहान अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके पड़ोसी सुल्तान सिंह (50) ने हितेश पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने घर का दरवाजा सुल्तान के घर की ओर खोल दिया है, जिससे उन्हें असुविधा हो रही है। यह शिकायत सुल्तान ने उत्तर प्रदेश सरकार के IGRS पोर्टल के माध्यम से दर्ज कराई थी।
IGRS की जांच के लिए पहुंचे थे दारोगा
जांच के लिए क्वार्सी थाने के हल्का प्रभारी दारोगा मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों से पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने हितेश से मकान के कागजात मांगे, लेकिन हितेश ने देने से मना कर दिया। दारोगा ने दोनों परिवारों के सदस्यों के नाम, पता और उम्र नोट किए। जांच पूरी होने पर रिपोर्ट तैयार की गई और शांति भंग की आशंका जताते हुए दोनों पक्षों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई।
बच्चे की उम्र गलत दर्ज की
यहीं हुई सबसे बड़ी गलती। दारोगा ने नाम दर्ज करते समय बच्चे की उम्र गलत लिख दी। छह साल की जगह 40 साल दर्ज कर दी गई। नतीजा यह हुआ कि कोर्ट ने 10 अक्टूबर 2025 को बच्चे के नाम पर नोटिस जारी कर दिया और उसे 30 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया। नोटिस में एक साल के लिए एक लाख रुपये के मुचलके की शर्त रखी गई थी।
बच्चे का नाम देख परिवार हक्का-बक्का
बच्चे के नाम नोटिस देखकर परिवार हक्का-बक्का रह गया। बाद में जांच में पता चला कि दारोगा की लापरवाही के चलते यह गलती हुई। मामले की जानकारी मिलते ही सीओ प्रथम सर्वम सिंह ने कहा कि यह दारोगा स्तर की गंभीर त्रुटि है। नाम, पता और उम्र दर्ज करने में लापरवाही बरती गई। इस गलती की रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जा रही है और नोटिस निरस्त कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।