शिव शंकर सविता- समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुई मुलाकात ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। जेल से रिहा होने के बाद यह आजम खान और अखिलेश यादव की दूसरी मुलाकात थी। दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई। मुलाकात के बाद आजम खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके साथ जो अन्याय हुआ है, वैसा किसी और के साथ न हो। आजम खान ने कहा, “अखिलेश यादव और मैं इसी बात पर चर्चा करते हैं कि जैसा मेरे साथ हुआ, वैसा किसी और के साथ न हो। लोगों को अदालतों से न्याय मिलना चाहिए। जो एजेंसियां जांच कर रही हैं, उनसे भी उम्मीद है कि वे निष्पक्ष होकर काम करें।” उन्होंने आगे कहा कि उनके बनाए संस्थान जौहर अली यूनिवर्सिटी के साथ जो कुछ किया गया, वह राजनीति से प्रेरित था। आजम खान ने यह भी कहा, “मैं लखनऊ किसी कार्यक्रम से आया था, तो सोचा अखिलेश से भी मुलाकात कर लूं।”
‘रेल की पटरी पर सिर नहीं रखूंगा’— आजम खान का तंज
बिहार विधानसभा चुनाव पर पूछे गए सवाल के जवाब में आजम खान ने नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “बिहार में जंगलराज बताया जा रहा है, जबकि जंगल में आदमी नहीं रहते। मैं जंगलराज में कैसे जाऊं? मैं जानबूझकर रेल की पटरी पर सिर नहीं रखूंगा।” उनके इस बयान को राजनीतिक हलकों में तीखा तंज माना जा रहा है। आजम खान ने बिना नाम लिए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भी संदेश दिया। उन्होंने कहा, “मैं उनसे अपील करता हूं कि हम पर रहम करें, हमें बर्बाद न करें। क्यों चाहते हैं कि हम टुकड़ों में बंट जाएं? बिहार का दूसरा चरण बचा है, इसमें नुकसान न पहुंचाएं।” आजम खान ने आगे कहा कि उनके पास कोई सुरक्षा नहीं है, इसलिए वह असुरक्षित माहौल में बिहार जाने का जोखिम नहीं लेना चाहते।
अखिलेश-आजम की मुलाकात के राजनीतिक मायने
इस मुलाकात को अखिलेश यादव ने भी विशेष महत्व दिया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर आजम खान के साथ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “जब आज वो हमारे घर आए, जाने कितनी यादें वो अपने साथ-साथ ले आए। यह मेल-मिलाप और मिलन हमारी साझी विरासत है।”