शिव शंकर सविता- खंदौली थाना क्षेत्र के गिजौली गांव में हाल ही में हुए मारपीट प्रकरण के बावजूद, समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद रामजीलाल सुमन के गांव जाने की खबर से राजनीतिक हलचल तेज हो गई। सोमवार को पुलिस ने रामजीलाल सुमन को हाउस अरेस्ट कर दिया और उनके आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी। सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की बड़ी संख्या के जुटने के बावजूद सांसद को घर से बाहर निकलने नहीं दिया गया।
पुलिस का कड़ा रुख
डीसीपी पश्चिम जोन अतुल शर्मा ने बताया कि गिजौली में शांति व्यवस्था भंग करने की किसी भी कोशिश पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सपा के कुछ नेताओं को भी नोटिस जारी किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि मामले में पहले ही पंचायत के माध्यम से दोनों पक्षों ने राजीनामा कर दिया है और कानूनी कार्रवाई से संतुष्ट हैं। बावजूद इसके सांसद के गांव जाने की संभावना से तनाव बढ़ गया।
सपा कार्यकर्ता और नेताओं की मौजूदगी
रामजीलाल सुमन के आवास पर मंगलवार सुबह से ही सपा कार्यकर्ता जमा होने लगे। इसके अलावा एटा सांसद देवेश शाक्य, इटावा सांसद जितेंद्र दोहरे और जसराना विधायक सचिन यादव भी पहुंचे। सांसद और पार्टी के नेता अब आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस का यह रवैया ठीक नहीं है। जब भी हम जनता के हक और उनकी समस्याओं को उठाना चाहते हैं, पुलिस हमें घर से बाहर निकलने नहीं देती। जिले में धारा 163 BNS (पूर्व की धारा-144) लागू है तो हमें जेल भेज दें, लेकिन हाउस अरेस्ट करना उचित नहीं है।
पूर्व जिलाध्यक्ष को भी नोटिस
मलपुरा थाना पुलिस ने सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल को नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया कि उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ बिना किसी सरकारी अनुमति के पुलिस कमिश्नरेट में धरना, पुतला दहन और घेराव करने की संभावना जताई, जिससे शांति व्यवस्था भंग हो सकती है।
गिजौली गांव में पहले हुआ विवाद
गिजौली गांव में कुछ दिन पहले दो पक्षों के बीच मारपीट और झगड़ा हुआ था। विवाद के बाद दोनों पक्षों ने पंचायत में राजीनामा कर दिया और मामले को निपटा लिया। पुलिस का कहना है कि अब किसी भी तरह की शांति भंग करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।