लखनऊ, ऑनलाइन व्यापार के मकड़जाल में ऐसी घटनाएं होना आम बात सी हो गयी है। मामला बड़ा है और एक बार फिर बिटक्वाइन खलनायक बन कर उभरा है। इधर का माल उधर और उधर का माल इधर करते—करते कब आप तस्कर बन जाते हैं आप को खुद ही पता नहीं रहता। ज्यादा मुनाफे के चक्कर में लखनऊ के चार लोगों ने उन दवाओं का विदेश में निर्यात किया जोकि प्रतिबंधित थी।
एसटीएफ को जब इस बात की सूचना लगी तो उसने इन लोगों को गिरफ्तार करने में समय नहीं लगाया। आज ये चारों अपराधी सलाखों के पीछे है। लेकिन इनके पकड़े जाने के बाद से उन रहस्यों से भी पर्दा उठ रहा है जो इनके पकड़े जाने तक रहस्य थे।
लखनऊ में चार लोगों के एक समूह को बिटकॉइन के बदले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह को डार्क वेब के जरिए अवैध ड्रग्स बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ ने फैजान खान, सूफियान, अशरफ खान और सार्थक वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि गिरोह का पांचवा सदस्य सुमित शर्मा अभी फरार है।
गिरोह का काम लखनऊ के आस-पास के इलाकों से खरीदी गई दवाओं को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंचाना था। गिरोह के सदस्यों को डार्क वेब के माध्यम से आवश्यक दवाओं की मांग के बारे में सूचित किया गया था।
आरोपियों ने कुरियर के जरिए प्रतिबंधित दवाओं की आपूर्ति की और बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार किया।