बरेली में एसटीएफ ने मंगलवार को दोपहर में एक गैंगस्टर को गिरफ्तार कर लिया। वह एक लाख का इनामी था। उसके ऊपर डकैती समेत 28 मुकदमे दर्ज हैं। वह 18 साल से फरार चल रहा था।
दिल्ली से लेकर यूपी तक 28 मुकदमे
STF प्रभारी अजय पाल सिंह ने बताया कि कमर अली मियां रामपुर के जान वाली गली का रहने वाला है। वह बेहद खतरनाक अपराधी है। उसकी अपराध की लिस्ट बहुत लंबी है। दिल्ली से लेकर यूपी के कई जिलों में उसके खिलाफ, डकैती, लूट, हत्या, रंगदारी के 28 मुकदमे दर्ज हैं। दोनों राज्यों की पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए 18 साल से प्रयास कर रही थी। लेकिन वह पकड़ा में नहीं आ रहा था। वह बरेली भी आता था और वारदात को अंजाम देने के बाद भाग जाता था।
एसटीएफ को पहले ही मिल गई थी सूचना
वह वारदात को अंजाम देने के बाद मुंबई, दिल्ली और
लखनऊ में जाकर छिप जाता था। उसके खिलाफ बरेली के सीबीगंज, बारादरी, प्रेमनगर और किला में करीब 11 मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा रामपुर और दिल्ली के पटेल नगर थाने में भी उसके खिलाफ केस दर्ज है। पुलिस ने उस पर 1 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। मंगलवार को वह बरेली आया था। एसटीएफ को उसके बारे में पहले ही सूचना मिल गई थी। जिसके बाद दोपहर में एसटीएफ ने घेराबंदी करके उसे दबोच लिया।
कमर अली वारदात को अंजाम देने के बाद मुंबई, दिल्ली और लखनऊ में छिप जाया करता था। उसकी गिरफ्तारी के लिए उस पर पुलिस ने उस पर 1 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
1987 में रामपुर में की थी पहली वारदात
अजय पाल ने बताया कि कमर अली ने सबसे पहली वारदात 1987 में रामपुर में की थी। उसके बाद 2000 में उसने अपने भाई नन्हें गुड्डे और भांजे जमीर के साथ पड़ोसी बच्छन और उसके दोस्त लाल की गोली मारकर डबल मर्डर की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद पुलिस ने उसे भांजे के साथ जेल भेज दिया था।
जमानत पर छूटते ही बरेली में डाली डकैती
डबल मर्डर में जमानत मिलने के बाद आरोपी ने अपने गैंग के साथ मिलकर बरेली के बारादरी के सेमलखेड़ा निवासी नवी अहमद के यहां डकैती डाली थी। जिसमें आरोपी लाखों की नकदी समेत लाखों के जेवर लूटकर ले गए थे। जिसके बाद बारादरी पुलिस ने कमर और उसकी गैंग के 6 बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने अन्य बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन कमर अली आज तक पुलिस के हाथ नहीं लगा था।