यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिल सकता है। प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवारों में से एक यादव परिवार फिर से एक हो सकता है। दरअसल, चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच सुलह की खबरें आ रही हैं।विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव साथ हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर अखिलेश और शिवपाल साथ हो सकते हैं।
मुलायम के जन्मदिन पर होगा मिलन !
22 नवंबर को पूर्व सीएम और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन मनाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश की बातचीत हो चुकी है। दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद अखिलेश यादव के तेवर नरम नजर आ रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले सैफई परिवार की कलह खत्म हो सकती है। सब कुछ ठीक रहा तो चाचा-भतीजे एक साथ मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन मनाएंगे। कहा ये भी जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव की भी शिवपाल से बात हुई है। बातचीत में शिवपाल सिंह के करीबियों को सम्मान देने का आश्वासन मिला है। इसी सिलसिले में अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं। आपको बता दें कि अखिलेश और शिवपाल की आपसी रार से पार्टी को हो रहे नुकसान के बाद मुलायम सिंह यादव सक्रिय हुए हैं। मुलायम का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं से की बात करेंगे और हर मंडल पर पार्टी का प्रचार करेंगे।
अखिलेश पहले कर चुके हैं इशारा
बीते दिनों गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा था कि बड़े दलों से फिलहाल गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। हां, छोटे दलों को हम अपने साथ जोड़ने के लिए लगातार काम कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा था कि बड़े दलों के साथ हमने गठबंधन किया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव है। ऐसे में तमाम पार्टियां अपनी चुनावी रणनीति को अंजाम देने में जुटी हुई हैं। बीते दिनों अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को लेकर कहा था कि उनकी अपनी पार्टी है। यशवंत नगर से वह चुनाव लड़ते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ हम अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करेंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि अगर शिवपाल यादव की पार्टी का कोई मजबूत उम्मीदवार मैदान में होगा तो हम उसका भी समर्थन कर सकते हैं। उन्होंने यह जरूर कहा कि भले वह पार्टी में हैं या नहीं हैं लेकिन परिवार में जरूर हैं। इन सब बातों से लगता है कि 22 नवंबर को जो होगा वो समाजवादी पार्टी के हित में होगा।