इत्र कारोबारी पीयूष जैन को हाईकोर्ट से 23 किलो गोल्ड मिलने के मामले में जमानत मिल गई। हालांकि अभी वो जेल में ही रहेगा। 217 दिन बाद पीयूष जैन को पहली राहत मिली है। बता दें कि 23 दिसंबर 2021 को DGGI अहमदाबाद की टीम ने कानपुर और कन्नौज में छापेमारी की थी। जहां से 280 करोड़ रुपए कैश और 23 किलो गोल्ड बरामद हुआ था।
DRI कोर्ट में नहीं दे सकी साक्ष्य
पीयूष जैन के वकील पीयूष कांत शुक्ला ने बताया कि DRI ने विदेशी मूल का गोल्ड बताते हुए कस्टम अधिनियम के तहत FIR कराई थी। DRI की ओर से हाईकोर्ट में एक भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका।
वे ये भी नहीं बता पाए कि सोना विदेशी मूल का है या तस्करी कर लाया गया है। स्टेटमेंट में भी यही रिकॉर्ड किया गया था कि गोल्ड लोकल बाजार से कैश देकर खरीदा गया। ऐसे में हाईकोर्ट ने जमानत को मंजूर कर लिया।
1 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी देनी होगी
हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि जमानत के लिए पीयूष जैन को 1 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जमा करनी होगी। पासपोर्ट है तो उसे भी जमा करना होगा। बता दें कि कानपुर कोर्ट से पीयूष जैन की जमानत अर्जी खारिज हो गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद जमानत को मंजूर कर लिया।
अभी जेल में ही रहना होगा
- पीयूष जैन के वकील पीयूष कांत शुक्ला ने बताया कि जीएसटी चोरी मामले में भी अभी अगस्त में जमानत को लेकर सुनवाई होनी है। इस मामले में जमानत मिलने के बाद ही पीयूष जैन कानपुर जेल से बाहर आ सकेगा। पूरे मामले में पीयूष जैन के ऊपर 2 एफआईआर दर्ज की गई थीं।