KNEWS DESK – महाकुंभ 2025 के आयोजन में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा लगाए जाने को लेकर सियासी घमासान मच गया है। शनिवार को महाकुंभ में मुलायम सिंह यादव की तीन फुट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया गया, जिसे लेकर साधु संतों ने विरोध जताया है। साधु संतों का आरोप है कि यह कदम हिंदू विरोधी है, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसे बीजेपी की राजनीति से प्रेरित बताया है।
सपा ने किया बीजेपी पर आरोप
बता दें कि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फकरुल हसन चंद ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह विरोध साधु संतों की ओर से नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सपा द्वारा संचालित मुलायम सिंह स्मृति सेवा संस्थान द्वारा महाकुंभ में आ रहे श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क सेवाएं जैसे खाने-पीने की व्यवस्था, कंबल वितरण और रुकने की व्यवस्था की जा रही है। इसके बावजूद बीजेपी को यह कार्य पसंद नहीं आ रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी खुद कोई काम नहीं करती और अगर किसी संस्थान द्वारा नेताजी के नाम पर सेवा की जा रही है, तो बीजेपी इसका विरोध करती है।
कांग्रेस का बयान, बीजेपी पर हमला
इस विवाद में कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और उनकी मूर्ति लगाना एक अच्छा कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं जैसे गोविंद बल्लभजी पंत और जवाहरलाल नेहरू की भी मूर्तियां लगनी चाहिए। अवस्थी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी कभी आरोप लगाती है कि उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवाई थी, और कभी पद्म भूषण देती है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि बीजेपी को इस मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करना चाहिए, क्योंकि इससे उसकी दोहरी नीति स्पष्ट हो रही है।
प्रतिमा का अनावरण
शनिवार को महाकुंभ में मुलायम सिंह यादव की मूर्ति का अनावरण किया गया। यह मूर्ति सपा के मुलायम सिंह न्यास सेवा समिति द्वारा स्थापित की गई थी, जिसे महाकुंभ के एक प्रमुख स्थान पर रखा गया है। प्रतिमा के अनावरण के बाद से ही सियासी विवाद शुरू हो गया और इस मुद्दे पर विरोध और समर्थन दोनों पक्षों से बयान आने लगे।