रिपोर्ट-अमन तिवारी
कानपुर– कमिश्नरेट पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस से बर्खास्त किए गए एक ऐसे सिपाही और उसके साथी को गिरफ्तार किया है जो अंतर्राज्यीय वाहन चोर है। जिनके पास से चार लग्जरी कार बरामद हुई है| प्रेसवार्ता करते हुए डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि एसीपी कैंट अंजली विश्वकर्मा के नेतृत्व में जाजमऊ पुलिस ने दो शातिर वाहन चोर परवेज अहमद और समीउल्लाह खान को गिरफ्तार किया है। जो अलग-अलग राज्यों में वाहन चोरी करने का कार्य करते थे। डीसीपी ने बताया कि इसमें से एक आरोपी परवेज को 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस की सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, इसने यूट्यूब देखकर चोरी की घटना को अंज़ाम देना शुरू किया। इनके पास से पुलिस ने 4 लग्जरी कार,कैश, मास्टर चाबी व चोरी करने के उपकरण भी बरामद किए हैं।
बर्खास्त सिपाही पर दर्ज हैं 20 से ज्यादा मुकदमे
आपको बता दें कि सिपाही परवेज अहमद पुलिस की नौकरी करते हुए वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था, लेकिन पुलिस का टैग लगा होने के कारण किसी को उसपर शक नहीं होता था.. जब परवेज की भूंख और बढ़ गयी तो उसने छुट्टी लेकर गैर राज्यों में वाहनों को चोरी करना शुरू कर दिया और चोरी की गयी गाड़ियों को ठिकाने लगाने के बाद पोस्टिंग वाले थाने में आमद करवाने के बाद फिर से नौकरी करने लगता था। लेकिन उत्तराखंड में परवेज ने अपने गैंग के साथियो के साथ मिलकर बड़े स्तर पर लग्जरी वाहन को चुराया और पकड़ा गया। जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने परवेज अहमद को गिरफ्तार किया और इनकी निशानदेही पर कई गाड़िया भी बरामद हुई थी। जिसके बाद परवेज को जेल भेजा गया था। पुलिस को छानबीन में पता चला है कि परवेज पर हत्या, हत्या के प्रयास समेत दर्जनों आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें सबसे ज्यादा मुकदमे वाहन चोरी के हैं।
एसीपी कैंट के नेतृत्व में पुलिस टीम को मिली बड़ी सफलता
कई महीनों से वाहन चोरी की घटना पुलिस के लिए सिर का दर्द बन चुकी थी, जिसके बाद तेज तर्रार आईपीएस अंजली ने मोर्चा संभाला और ऑपरेशन त्रिनेत्र का प्रयोग करते हुए वाहन चोरों के पीछे लग गयी| नौबस्ता इलाके में वाहन चोरी करने के बाद वाहनों को डंप करने का खुलासा हुआ और पुलिस ने बर्खास्त सिपाही समेत दो आरोपियों को धर दबोचा।
गलत आचरण और वाहन चोरी की लत ने छीन ली पुलिस की नौकरी
एसीपी कैंट अंजली विश्वकर्मा ने बताया कि परवेज अहमद 1995 बैच का सिपाही है, परवेज की पहली पोस्टिंग कानपुर नगर में की गयी थी। जिसके बाद परवेज कानपुर के नरवल, ग्वालटोली और काकदेव समेत कई थानों में तैनात रहा है, इनपुट के मुताबिक परवेज का आचरण पुलिस विभाग के हिसाब से हमेशा गलत ही था| जिसकी वजह से कई बार आलधिकारियों द्वारा परवेज को अल्टीमेटम दिया जा चुका है, लेकिन परवेज ने सुधरने का नाम नहीं लिया, और तो और परवेज के शौक इतने बढ़ गए थे कि उसने अपना एक गैंग बनाया और वाहन चोरी कि घटनाओ को अंजाम देने लगा| जिसका नतीजा ये हुआ कि परवेज को पुलिस की नौकरी से हाथ धोना पड़ गया।
पुलिस विभाग का नाम बदनाम करने के लिए परवेज को दिलवाई जाएगी सख्त सजा
आईपीएस अंजली ने साफ तौर पर कहा कि परवेज जैसे अपराधियों की वजह से पुलिस विभाग का नाम बदनाम होता है। ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि कोई भी पुलिस का कर्मचारी ऐसा अपराध करने से पहले सौ बार सोचे। आईपीएस अंजली ने कहा कि परवेज को सजा दिलवाने के लिए वो खुद अपनी टीम को मोटिवेट करेंगी ताकि कोर्ट में आरोपी परवेज के खिलाफ कड़ी पैरवी की जाए और जल्द सुनवाई होने साथ बर्खास्त सिपाही परवेज को कड़ी सजा सुनाई जा सके।
गुड वर्क करने वाली टीम को मिला 25 हजार का इनाम
डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि एसीपी कैंट की टीम ने बेजोड़ मेहनत करके एक बड़े वाहन चोरों के गिरोह का पर्दाफाश किया है, मैराथन स्तर पर पुलिस कर्मियों ने दिन रात एक करके वाहन चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाई है, जिसके लिए टीम को 25 हजार का नगद पुरुस्कार दिया गया है।
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