कांग्रेसियों का गढ़ माने जाने वाली रायबरेली विधानसभा सीट पर चुनावों की बारी आ गई है। 23 फरवरी यानि कल रायबरेली की जनता अपने सबसे बड़े अधिकार का प्रयोग करके वोट डालने अपने घरों से निकलेगी। रायबरेली सीट एक ऐसी है जहां पर कांग्रेस के अलावा बीजेपी, समाजवादी पार्टी , और बहुजन समाज पार्टी का अब तक खाता भी नहीं खुल सका है. रायबरेली सीट पर 1967 से कांग्रेस का कब्जा रहा है. आज तक 10 बार कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की है। 1993 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर अखिलेश सिंह ने जीत कर परचम लहराया और 1996 और 2002 में भी विधायक बनकर जीत की हैट्रिक लगाई । वहीं 2007 में निर्दलीय विधायक बनकर अखिलेश सिंह ने जीत का झंडा लहराया। अखिलेश सिंह रायबरेली सदर सीट से पांच बार विधायक रह चुके थे। लेकिन उनके निधन के बाद उनकी बेटी अदिति सिंह ने कांग्रेस के टिकट से 2017 में चुनाव लड़ा और कांग्रेस को जीत दिलाई। अदिति सिंह दोबारा चुनावी मैदान में अपनी ताल ठोंक रही है, लेकिन इस बार खास बात यह है कि अदिति सिंह कांग्रेस से नहीं बल्कि बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ रही है ।
यूपी चुनाव से कुछ समय पहले तमाम राजनीतिक पार्टियों में दल बदल का दौर जारी रहा, कई नेताओं और मंत्रियों ने अपनी पार्टी का साथ छोड़कर दूसरी पार्टियों की सदस्य़ता ग्रहण की इन तमाम नामों में अदिति सिंह का नाम भी शामिल रहा जिन्होंने चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया ।
हालांकि रायबरेली सदर सीट के इतिहास पर नजर डाले तो बीजेपी यहां से कभी मजबूत स्थिति में नहीं रही. इस विधानसभा क्षेत्र के शहरी इलाकों में ठाकुर वोटों का और ग्रामीण इलाकों में यादव, मुस्लिम, मौर्य और कुर्मी वोटों का दबदबा माना जाता है । 2017 में तो अदिति सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ कर जीत का परचम लहराया लेकिन 2022 में रायबरेली सीट पर अदिति सिंह के सामने चुनौती बड़ी है । 2022 के रण में अदिति सिंह का सामना समाजवादी पार्टी के आरपी सिंह से होने वाली है ..तो वहीं कांग्रेस के ऊपर भी इस सीट पर अपनी साख बचाने की कड़ी चुनौती है और इसके लिए पार्टी ने डॉ. मनीष सिंह चौहान पर भरोसा जताया है । उनके परिवार का गांधी परिवार से लंबा नाता रहा है। वहीं बात करें बसपा की तो सदर सीट पर मोहम्मद अशरफ को उम्मीदवार बनाया है।
अब कल यानि 23 फरवरी को रायबरेली की जनता अपने विधायक के चुनाव के लिए वोट की चोट करेगी । अब अदिति सिंह इस सीट को जीतकर बीजेपी को जीत दिला पाती है यह फिर चुनावों से ठीक पहले अदिति सिंह को पाला बदलना मंहगा पड़ेगा। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।