प्रदेश में दो साल में हुआ अकल्पनीय विकास- मुख्यमंत्री मोहन यादव

KNEWS DESK- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में हुए विकास कार्यां की जनता साक्षी है। मात्र दो वर्ष के अल्प कार्यकाल में राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास का परिदृश्य बदल दिया है। इन दो सालों में प्रदेश में हुआ विकास अद्भुत हैअकल्पनीय है। दो साल में ही मध्यप्रदेश दशकों से चली आ रही नक्सलवाद की समस्या से पूरी तरह मुक्त हो गया है। इससे प्रदेश के विकास की एक बड़ी बाधा दूर हो गई है। नक्सलवादियों के एमएमसी जोन (महाराष्ट्रमध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़) 42 दिन में 42 नक्सलवादियों ने समर्पण कर विकास की धारा से जुड़कर जीवन को चुना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल सलाम के खात्मे के लिए हमारे बहादुर पुलिस अधिकारियों ने जो प्रतिबद्धता दिखाई हैवह नि:संदेह अद्भुत है। उन्होंने स्वयं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ड्यूटी मांगी और अपना टारगेट तय कर उसे अचीव भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने सभी क्षेत्रों में कार्य करने का प्रयास किया। सभी विभागों के दो साल के कार्यों की समीक्षा और आगामी 3 साल के टारगेट पर चर्चा की गई है। सभी मंत्रियों ने अपने विभाग के प्रेजेंटेशन दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में विकास और सेवा का संकल्प लिए हम आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया में वर्तमान वैश्विक परिस्थितियां और अवसर भी हमारे लिए अनुकूल होते जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 1988-90 से नक्सलियों की गतिविधियों की शुरुआत हुई थी। कभी ऐसी भी स्थिति रही कि राज्य में पुलिस की बसों को आग के हवाले कर दिया गया। उन्हीं के एक मंत्री की नक्सलियों ने हत्या कर दी। जबकि केंद्र और राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। आज हमें गर्व है कि केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में तय की गई डेडलाइन के अंदर ही राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश की भूमि से नक्सलियों को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। मध्यप्रदेश 35 साल बाद नक्सल मुक्त हुआ। इस अभियान में कुछ जवानों को शहादत भी हुई। पिछले साल प्रमोशन मिलने के बाद इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हुए। कल दो नक्सलियों के सरेंडर के साथ मध्य प्रदेश में नक्सलियों की संख्या शून्य हो गई है। राज्य सरकार ने नक्सलियों के पुनर्वास के लिए योजना बनाई। पिछले 42 दिन में 42 सरेंडर हुए और 10 नक्सलियों को ढेर किया गया है। हम ऐसा तंत्र विकसित करेंगेजिससे दोबारा नक्सलवादी मूवमेंट स्थापित न हो पाए। राज्य सरकार ने सभी पड़ोसी राज्यों के साथ आवश्यक समन्वय किया।

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