उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में होने वाले आगामी चुनाव से पहले उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो सकता है। बताया जा रहा है कि यूसीसी की नियमावली बनकर तैयार हो गई है। संबंधित कमेटी एक हफ्ते के भीतर यह ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपने जा रही है। इसके साथ ही यूसीसी से संबंधित वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी तैयार कर लिया गया है। इनकी लॉन्चिंग के बाद प्रदेश का कोई भी नागरिक घर बैठे ही अपना पंजीकरण करा सकेगा। आपको बता दें कि यूसीसी की नियमावली तैयार करने के लिए गठित कमेटी की बीजापुर स्थित राज्य अतिथि गृह में बैठक हुई। इस दौरान समिति अध्यक्ष और पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में नियमावली के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही राज्य स्थापना दिवस के मौके पर समान नागरिक संहिता को लागू करने का ऐलान कर चुके हैं। यूसीसी में सभी धर्मों के लिए समान अधिकार के प्रावधान किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक कमेटी के ड्राफ्ट को कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। वहीं अब इस मामले में विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है। बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद उत्तराखंड में आजादी के बाद ऐसा कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। सवाल ये है कि क्या मान लिया जाए कि 9 नवंबर को उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने जा रहा है
उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य की जनता से किये गये अपने सबसे बड़े वादे को पूरा करने जा रही है. जी हां हम यूसीसी की बात कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यूसीसी की नियमावली बनकर तैयार हो गई है। यूसीसी के लिए गठित की गई कमेटी एक हफ्ते के भीतर यह ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपने जा रही है। इसके साथ ही यूसीसी से संबंधित वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी तैयार कर लिया गया है गई है। इनकी लॉन्चिंग के बाद प्रदेश का कोई भी नागरिक घर बैठे ही अपना पंजीकरण करा सकेगा। यूसीसी की नियमावली तैयार करने के लिए गठित कमेटी की बीजापुर स्थित राज्य अतिथि गृह में बैठक हुई। इस दौरान समिति अध्यक्ष और पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में नियमावली के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया गया।आपको बता दें कि धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी। वहीं UCC बिल को राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल चुकी है। वहीं धामी सरकार का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान जो वादा जनता से किया था उसे पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी। हालांकि विपक्ष यूसीसी को लेकर सीएम धामी पर झूठ फैलाने का आरोप लगा रहे हैं
कुल मिलाकर उत्तराखँड की धामी सरकार यूसीसी को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है हालांकि कांग्रेस पूरी तरह से यूसीसी को सिरे से खारिज कर सरकार पर झूठ फैलाने का आरोप लगा रही है। सवाल ये है कि क्या मान लिया जाए कि धामी सरकार 9 नवंबर को राज्य में यूसीसी को लागू करने जा रही है। आखिर क्यों विपक्ष को सरकार की मंशा पर शक हो रहा है…क्या यूसीसी लागू होने के बाद महिला उत्पीड़न में कमी आएगी या नहीं