आफत और राहत !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में हो रही आफत की बारिश ने जन जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया। इस आपदा में अबतक 13 लोगों की मौत हो गई है। वहीं केदारनाथ और टिहरी मे सबसे ज्यादा नुकसान की खबर है। इस बीच भारी बारिश की वजह से रेस्क्यू आपरेशन लगातार प्रभावित हो रहा है। हजारों लोग रुद्रप्रयाग के अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक अबतक 6 हजार से अधिक यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। जबकि अभी भी कई हजार लोग अलग-अलग स्थानों में फंसे हुए हैं। वहीं रुद्रप्रयाग पुलिस का कहना है कि सभी लोग सुरक्षित है। और रेस्क्यू आपरेशन लगातार चल रहा है। वहीं इस घटना पर केंद्र सरकार भी नजर बनाए हुए हैं। पीएमओ कार्यालय से लगातार पल-पल की अपडेट ली जा रही है। इसके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री धामी से राहत एंव बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की है। वहीं रेस्क्यू आपरेशन में तेजी लाने के लिए एयर फोर्स का चिनूक और एमआई 17 भी लगाया गया है। इनसबके बीच विपक्ष ने सरकार पर समय रहते कोई तैयारी ना करने का आरोप लगाया है…कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को पहाड़ में कैंप कार्यालय लगाकर पहाड़ से कार्य करने की सलाह दी है। कांग्रेस का आरोप है कि ना मंत्री और ना ही अधिकारी इस दैवीय आपदा के बावजूद कार्य करने को राजी है। ऐसे में मुख्यमंत्री के पहाड़ में रहने से अधिकारी और नेता भी पहाड़ चढ़ेंगे और पहाड़ की परेशानियों को समझकर कार्य करेंगे… 

 

 देवभूमि उत्तराखंड में आफत की बारिश ने प्रदेश को काफी नुकसान पहुंचाया है। जगह-जगह बादल फटने से जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक अबतक इस आपदा में 13 लोगों की जान चली गई है। जबकि कुछ लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं। केदारनाथ और टिहरी मे सबसे ज्यादा नुकसान की खबर है। इस बीच भारी बारिश की वजह से रेस्क्यू आपरेशन लगातार प्रभावित हो रहा है। हजारों लोग रुद्रप्रयाग के अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक अबतक 6 हजार से अधिक यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। जबकि अभी भी कई हजार लोग अलग-अलग स्थानों में फंसे हुए हैं। वहीं रुद्रप्रयाग पुलिस का कहना है कि सभी लोग सुरक्षित है। और रेस्क्यू आपरेशन लगातार चल रहा है।

 

आपको बता दें कि उत्तराखंड में आई देवीय आपदा पर केंद्र भी नजर बनाए हुए हैं। पीएमओ कार्यालय से लगातार पल-पल की अपडेट ली जा रही है। वहीं रेस्क्यू आपरेशन में तेजी लाने के लिए एयर फोर्स का चिनूक और एमआई 17 भी लगाया गया है। इनसबके बीच विपक्ष ने सरकार पर समय रहते कोई तैयारी ना करने का आरोप लगाया है…इसके अलावा कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को पहाड़ में कैंप कार्यालय लगाकर पहाड़ से कार्य करने की सलाह दी है। कांग्रेस का आरोप है कि ना मंत्री और ना ही अधिकारी इस दैवीय आपदा के बावजूद कार्य करने को राजी है। ऐसे में मुख्यमंत्री के पहाड़ में रहने से अधिकारी और नेता भी पहाड़ चढ़ेंगे और पहाड़ की परेशानियों को समझकर कार्य करेंगे…वहीं भाजपा का दावा है कि सभी कार्य सुचारू रूप से किये जा रहे हैं।  

 

 कुल मिलाकर उत्तराखंड में आई इस दैवीय आपदा ने एक बार फिर 2013 की केदारनाथ त्रासदी की याद दिला दी है। इस बीच राज्य में आपदा के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने एक ओर जहां पहले से कोई तैयारी ना करने का आरोप लगाया है तो वहीं मुख्यमंत्री से पहाड़ से सरकार चलाने की भी मांग की है ऐसे में देखना होगा कि क्या मुख्यमंत्री विपक्ष की सलाह को मानेंगे या नहीं

 

 

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