KNEWS DESK- लखनऊ और इसके आसपास दहशत फैलाने वाले टाइगर को 90 दिनों के बाद रेस्क्यू कर लिया गया। विगत तीन महीने से दहशत का पर्याय बने इस टाइगर ने लखनऊ और इसके आसपास रहने वाले ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर दिया था। ग्रामीण विगत तीन महीनों से दहशत के साये में रहने को मजबूर थे, पर टाइगर के रेस्क्यू होने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
आपको बताते चलें कि लखनऊ के रहमानखेड़ा, मलिहाबाद और इसके आसपास के क्षेत्रों में विगत तीन महीने पहले टाइगर देखा गया था, जिसके बाद वन विभाग व लखनऊ प्रशासन को टाइगर देखे जाने की सूचना दी गई। सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने टाइगर को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया पर सफलता नहीं मिल रही थी। रेस्क्यू टीम के सदस्य ने बताया की इस टाइगर को पकड़ने में अब तक लाखों रूपए का खर्च आया है। ग्रामीणों के अनुसार इस दहशतगर्द टाइगर ने अब तक 25 से अधिक मवेशियों का शिकार किया है। इस दहशतगर्द टाइगर के डर से बच्चों ने स्कूल जाना तक छोड़ दिया था और ग्रामीण शाम होते ही घरों का दरवाजा बंद कर लेते थे।

बुधवार शाम को वन विभाग ने ट्रेंकुलाइज कर टाइगर को काबू में किया। 90 दिन की कड़ी मेहनत के बाद विभाग को सफलता मिली। पिंजरे, कैमरा, ट्रैप और ड्रोन से उसकी निगरानी की जा रही थी। एक्सपर्ट की टीम भी बुलाई गई थी। अब वन विभाग जल्द टाइगर को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करेगा।

बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह टाइगर ने गांव में एक मवेशी का शिकार किया था. शाम करीब 6:30 बजे टाइगर के दोबारा लौटने की सूचना वन विभाग को मिली। बाघ कैमरे में कैद हो गया था. एक्सपर्ट की टीम मौके पर पहुंची. लेकिन ट्रैंकुलाइजर गन से पहला डॉट लगने के बावजूद टाइगर बेहोश नहीं हुआ। जिसके बाद दोबारा ट्रैंकुलाइजर गन चलाई गई, तब जाकर टाइगर बेहोश हुआ।