मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र का रिश्ता भौगोलिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और साझी विरासत का है मुख्यमंत्री मोहन यादव

KNEWS DESK- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच का संबंध केवल भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संत परंपरा, सांस्कृतिक चेतना और समाज सुधार की साझी विरासत से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जबलपुर में महाराष्ट्र शिक्षण मंडल के शताब्दी वर्ष समारोह को इंदौर से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह भी विशेष रूप से मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संस्था के 100 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई देते हुए कहा कि वर्ष 1926 में स्थापित इस संस्था ने आजादी से पहले और बाद में शिक्षा के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों के आधार पर बाजीराव पेशवा, शिंदे, होलकर और गायकवाड़ राजवंशों ने मध्यप्रदेश के विकास और संस्कृति के संरक्षण में अहम योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नई शिक्षा नीति को लागू करने में मध्य प्रदेश अग्रणी राज्यों में से एक है। प्रदेश सरकार ने 55 जिलों में ‘पीएम एक्सीलेंस कॉलेज’ प्रारंभ किए हैं। साथ ही, पाठ्यक्रमों में लोकनायकों और जननायकों की जीवनियों को शामिल किया गया है, जिससे युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सके। उन्होंने बताया कि सरकार ने खरगोन में टंट्या मामा विश्वविद्यालय, गुना में तात्या टोपे विश्वविद्यालय और ग्वालियर में रानी अवंतिबाई विश्वविद्यालय शुरू किये हैं।

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