कर्मचारियों की लड़ाई, धर्म परिवर्तन तक आई !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में बीजेपी की टेंशन कर्मचारियों ने बढ़ा दी है। दअरसल राज्य में पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे कर्मचारियों के बाद अब उपनल कर्मचारियों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं आंदोलनरत विभिन्न कर्मचारियों के संगठनों को कांग्रेस का भी समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस ने जहां लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली को बड़ा मुद्दा बनाया है। तो वहीं दूसरी ओर सरकार से उपनल कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का भी दबाव बनाया है, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आंदोलन कर रहे उपनल कर्मचारियों के आंदोलन को अपना समर्थन देकर बीजेपी सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। बता दें कि नियमितीकरण, समान काम के लिए समान वेतन देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उपनल कर्मचारियों ने बीजेपी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। आक्रोशित उपनल कर्मचारी महासंघ ने राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के आवास का घेराव किया। महासंघ ने जल्द ही मांगों का निस्तारण नहीं होने पर सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन करने और चुनाव में बीजेपी के बहिष्कार की भी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यदि कर्मचारियों और उनकी मांगों की इसी तरह अनदेखी की जाती रही तो 25 हजार से ज्यादा उपनलकर्मी अपने परिवारों के साथ सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन करने को मजबूर होंगे। सवाल ये है कि आखिर क्यों बीजेपी सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लग रहा है, क्या चुनाव से पहले कर्मचारियों की नाराजगी बीजेपी को भारी पडेगी

उत्तराखँड में लोकसभा चुनाव नजदीक है सभी राजनीतिक दल इसको जीतने में लगे हुए हैं। सत्ताधारी दल बीजेपी चुनावी तैयारियों के लिहाज से काफी आगे है। हांलाकि बीजेपी की ताबड़तोड तैयारियों के बीच राज्य के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के आंदोलन ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है। अपनी कई सूत्रीय मांगो को लेकर राज्य के सैंकड़ों उपनल कर्मचारियों ने शुक्रवार को राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के आवास का घेराव किया…नाराज उपनल कर्मचारियों ने बीजेपी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। वहीं आंदोलन कर रहे उपनल कर्मचारियों के आँदोलन को कांग्रेस का भी समर्थन मिला है.. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपनल कर्मचारियों के समर्थन में पहले उपवास रखा फिर कर्मचारियों के प्रदर्श में जाकर अपना समर्थन दिया…हरीश रावत का आरोप है कि बीजेपी कर्मचारी विरोधी सरकार है जो लगातार कर्मचारियों का उत्पीडन कर रही है।

वहीं एक तरफ जहां उपनल कर्मचारियों का आंदोलन है तो दूसरी ओर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने पुरानी पेंशन लागू करने को लेकर बीजेपी सरकार को सबक सिखाने की चेतावनी दी है। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने देहरादून में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा मुलाकात कर लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को प्रमुखता रखे जाने का अनुरोध किया.. उनका कहना है कि लोक सभा चुनाव में देश के 85 लाख एनपीएस कर्मचारी अब बीजेपी को जवाब देने के लिए तैयार है.. उनका कहना है कि उत्तराखंड राज्य कर्मचारी प्रदेश है. राज्य की आजीविका का मुख्य साधन सरकारी कर्मचारी है..उत्तराखंड में गुजरात की तरह उद्योग नही है यहां रोजगार के रूप में सिर्फ सरकारी नौकरी है और उत्तराखंड सरकार पुरानी पेंशन बहाली मांग के लिए गंभीर नहीं है..वहीं कांग्रेस का कहना है कि चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली कांग्रेस का बड़ा मुद्दा होगा..

कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में बीजेपी की टेंशन नाराज कर्मचारियों के आंदोलन ने बढ़ा दी है। एक तरफ जहां कर्मचारी राज्य में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है. तो दूसरी ओर उपनल कर्मचारियों ने भी अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सवाल ये है कि क्या कर्मचारियों की नाराजगी बीजेपी को भारी पडेगी. क्या कर्मचारियों का साथ कांग्रेस की नैया पार लगाएगा. सवाल ये भी है कि आखिर क्यों कर्मचारियों की लड़ाई धर्म परिवर्तन तक आ गई है

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