रिपोर्ट – भगत सिंह
बांदा – रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार बांदा मे आज बड़ी धूमधाम से मनाया गया। बांदा शहर से लगे मवई गांव में गोसाई तालाब पर गांव की छोटी/ बड़ी बहने व महिलाएं अपने-अपने घरों से सज-धज कर अपने हाथों में कजलियां लेकर ढोल बाजे के साथ बड़े ही उत्साह से गांव के गोसाई तालाब में पहुंचकर वहां कजलियों को पानी में डूबाकर खोटा इसके बाद सभी बहनों ने एक दूसरे को कजली देकर शुभकामनाएं दी।
आपको बता दें कि रक्षा बंधन पर राखी बांधने के लिए सही मुहूर्त न होने के चलते बांदा जनपद सहित पूरे बुंदेलखंड में दोपहर दो बजे के बाद अपने अपने भाईयों के माथे पर चंदन तिलक लगाकर उनके हाथो की कलाईयों पर रेशम का धागा / राखी बांध कर भाईयों को मिठाई खिलाई। इसके बाद भाईयों ने भी अपनी-अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन दिया और अपनी बहनों को उपहार देकर रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया।
राजा बलि और लक्ष्मी की कथा का बड़ा महत्व
वैसे तो रक्षाबंधन की कई पौराणिक कथाएं हैं, लेकिन इनमें से राजा बलि और लक्ष्मी की कथा का बड़ा महत्व है| पौराणिक कथाओं के अनुसार पाताल लोक में राजा बलि के यहां निवासरत भगवान नारायण हरि विष्णु की मुक्ति के लिए माता लक्ष्मी ने बलि को राखी बांधी थी| राजा बलि अपनी बहन लक्ष्मी जी को भेंट स्वरूप भगवान नारायण श्री विष्णु को मुक्त करने का वचन दिया था।