RAIS ALVI- संभल नगर पंचायत गुन्नौर की ओर से रजिस्ट्री कार्यालय के सामने करीब 800 मीटर लंबे नाले का निर्माण कराया जा रहा था, जिसकी कुल लागत 42 लाख रुपए बताई जा रही है। लेकिन निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री के उपयोग का मामला सामने आने के बाद एसडीएम गुन्नौर आनंद कटारिया ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। ठेकेदार पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ घटिया निर्माण का वीडियो
स्थानीय लोगों ने नाले के निर्माण में इस्तेमाल की जा रही घटिया सामग्री और पीली ईंटों के प्रयोग को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे प्रशासन हरकत में आ गया। वीडियो सामने आने के बाद जब अधिकारियों ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया, तो निर्माण कार्य मानकों के विपरीत पाया गया।
एसडीएम ने रुकवाया निर्माण, नाला तुड़वाकर दोबारा होगा निर्माण
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम आनंद कटारिया ने तुरंत प्रभाव से नाले का निर्माण कार्य रुकवा दिया और ठेकेदार को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने बताया कि घटिया सामग्री के उपयोग से नाले की मजबूती पर असर पड़ता है, जिससे भविष्य में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए अब नाले को तुड़वाकर दोबारा सही सामग्री से बनाया जाएगा।
अधिशासी अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत का आरोप
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि नगर पंचायत गुन्नौर के अधिशासी अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि नगर पंचायत के अन्य विकास कार्यों में भी इसी तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार देखने को मिला है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग गुन्नौर के लोगों का कहना है कि सरकारी धन का सही उपयोग होना चाहिए और विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने उच्च अधिकारियों से अपील की है कि नगर पंचायत में होने वाले सभी निर्माण कार्यों की जांच की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की धांधली पर रोक लग सके।
गुन्नौर में 42 लाख की लागत से बनाए जा रहे नाले में भ्रष्टाचार सामने आने के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। एसडीएम आनंद कटारिया के आदेश के बाद अब नाले को तोड़कर दोबारा निर्माण करवाया जाएगा। इस घटना ने नगर पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है।