स्मार्ट सिटी की सड़कों की हालत हुई खस्ता!

KNEWS DESK-  राजधानी देहरादून में शहर को स्मार्ट बनाने के लिए चल रहे स्मार्ट सिटी के काम लोगों की मुसीबतें बढ़ा रहे हैं। बरसात की पहली हल्की बारिश ने ही स्मार्ट सिटी के दावों की पोल खोल कर रख दी| पहली बारिश में ही सड़कें नदियों में तब्दील हो गई| जगह- जगह खोदी गई सड़क किसी खेत से कम नहीं लग रही है। आलम ये है कि लोग इसमें चल भी नहीं पा रहे हैं। जनता की परेशानियों को देखते हुए देहरादून मेयर और राजपुर रोड विधायक ने अधिकारियों संग बैठक की। विधायक खजानदास ने तमाम खामियां गिनाते हुए एक-एक काम के पूरे होने का समय पूछना शुरू कर दिया। जैसे ही उनको पहला जवाब मिला कि बस एक हफ्ते में काम हो जाएगा तो विधायक बिफर पड़े। बोले, दो साल हो गए, सात दिन सुनते-सुनते। लेकिन, ये सात दिन कब आएंगे, कोई बताएगा? या फिर स्मार्ट सिटी के गड्ढे ही खोदते रहोगे और कोई इन गड्ढों में गिरा तो कौन जवाबदेह होगा| इतना ही नहीं विधायक खजान दास ने स्मार्ट सिटी से जुड़े अधिकारियों से ये भी कहा कि, कुछ तो स्मार्ट बनाकर दिखाओ, ताकि जनता को यह पता चले कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होना क्या है? बहराल प्रधानमंत्री के ड्रिम प्रोजेक्ट पर बुरे हाल के बाद राज्य में सियासत भी गरमा गई| विपक्षी दल अब सरकार पर हमलावर हो गए हैं| वहीं सत्ताधारी दल के प्रवक्ता अब बीच बचाव की तैयारियों में जुट गया है|

आपको बता दें कि दून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत देहरादून में कई कार्य किए जा रहे हैं। जिसके तहत स्मार्ट स्कूल, ई क्लेक्ट्रेट, कमांड सेंटर जैसे अन्य कार्य किए जा रहे हैं जो कि पूरे हो चुके हैं। जबकि सीवरेज लाईन, स्मार्ट टॉयलेट, दून लाईब्रेरी, पेयजल आपूर्ति, पलटन बाजार सौंदर्गीकरण, स्मार्ट पोल लगाने जैसे अनगिनत काम अभी अधूरे चल रहे हैं। स्मार्ट सिटी के कार्यों की समीक्षा के दौरान कई बार अधिकारियों को फटकार भी लगाई गई|हालांकि कुछ खास असर देखने को नहीं मिला| वहीं विपक्षी दलों ने स्मार्ट सिटी के बहाने केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोल दिया है|

कुल मिलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रिम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी से जनता को काफी उम्मीदें है लेकिन देहरादून में इस परियोजना के तहत चल रहे कार्य लोगों को सुविधा देने के बजाय उनकी मुश्किलों को बढ़ा रखा है| टूटी सड़के आए दिन हादसों को बढ़ावा दे रही है। वहीं भाजपा के ही मंत्री विधायक इस परियोजना के तहत चल रहे कार्यों पर ही बार बार सवाल खड़े कर रहै हैं| इससे बड़ी समस्या सरकार के सामने ये भी है कि केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी देहरादून के बजट में कटौती करते हुए बजट को आधा कर दिया है। एक हजार करोड़ की परियोजना का बजट घटकर अब 550 करोड़ रुपए रह गया है। ऐसे में सरकार कैसे स्मार्ट सिटी का सपना साकार कर पाएगी ये बड़ा सवाल है|

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