रिपोर्ट – अखिलेश द्विवेदी
छत्तीसगढ़ – राजधानी रायपुर सहित आउटर के रहने वाले लोगों को जगन्नाथपुरी के रथ के वास्तविक चक्के का दर्शन कराया जाएगा| इसके लिए रविवार 11 फरवरी को राजधानी के गायत्री मंदिर स्थित जगन्नाथ मंदिर से एक रथ निकाली जाएगी| जो राजधानी के विभिन्न चौक चौराहों से होते हुए कलेक्ट्रेट, मुख्यमंत्री निवास, राज भवन और शहर के दूसरे मोहल्ले में घूमने के साथ ही आउटर के इलाकों में 21 दिनों तक भ्रमण करेगा| आम लोग इस चक्के का दर्शन कर पूजा पाठ कर सकेंगे|
पूजा पाठ भी कर सकेंगे लोग
जगन्नाथ मंदिर के पुजारी पंडित पुरंदर मिश्रा ने बताया कि “जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा के दिन जो रथ निकल जाती है| उस रथ के चक्के का दर्शन कैसे किया जाए, इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर इस चक्के का दर्शन आम लोग को कराया जाएगा| इस चक्के को छूकर लोग पूजा पाठ भी कर सकेंगे| 11 फरवरी रविवार को सुबह 11:00 रथ के माध्यम से लोगों को जगन्नाथपुरी के रथ के चक्के का दर्शन लाभ मिल सकेगा| यह रथ शहर के चौक चौराहों से आउटर के इलाकों में लगभग 21 दिनों तक भ्रमण करेगा| इस तरह से पूजा पाठ करने से लोगों में जगन्नाथपूरी में निकलने वाली रथ यात्रा के भाव जागृत होंगे|”
रथ के विषय में जगन्नाथ मंदिर के पुजारी ने दी जानकारी
जगन्नाथ मंदिर के पुजारी पंडित पुरंदर मिश्रा ने आगे बताया कि “भगवान जगन्नाथ जी के रथ को नदी घोष कहा जाता है| बलभद्र जी के रथ को तलध्वज कहते हैं| सुभद्रा जी के रथ को दर्पदलन कहा जाता है| जगन्नाथ जी के रथ में 16 चक्के होते हैं| बलभद्र जी के रथ में 14 चक्के होते हैं| सुभद्रा जी के रथ में 12 चक्के होते हैं| उन्होंने यह भी बताया कि भगवान जगन्नाथ जी के रथ की ऊंचाई 44.2 फिट बलभद्र जी के रथ की ऊंचाई 43.3 फिट और सुभद्रा जी की रथ की ऊंचाई 42.3 फिट होती है| इसके साथ ही तीनों रथ के कलर को भी बताया गया है| जिसमें जगन्नाथ जी के रथ का रंग लाल और पीला होता है, बलभद्र जी के रथ का रंग लाल हरा नीला होता है और सुभद्रा जी के रथ का रंग काला होता है| इस कलयुग में भगवान जगन्नाथ जी साक्षात देवता है|”