निवेशकों की बहार, शादी हो या व्यापार !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की धामी सरकार ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में हुए करोड़ों के एमओयू को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू कर दी है…मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में शासन के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की…मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द एमओयू को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए हैं। सीएम पुष्कर सिहं धामी का कहना है कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान साढ़े तीन लाख करोड़ के एमओयू पर करार हुए हैं….जिसमें 44 हजार करोड़ से ज्यादा के एमओयू की ग्राउंडिंग शुरू हो गई है, सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द एमओयू को धरातल पर उतारा जाए। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उन्होने अधिकारियों को इन्वेस्टर्स समिट के तहत आए ज्यादा से ज्यादा निवेश प्रस्तावों को 15 फरवरी तक धरातल पर उतारने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री का कहना है कि निवेश के प्रस्तावों में इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय के साथ युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले निवेश से कितना रोजगार मिल रहा है, इसका पूरा विवरण तैयार किया जाए। वहीं धामी सरकार ने राज्य को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। आपको बता दें कि समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से शादियों के लिए विदेश जाने के बजाय उत्तराखंड आने का आह्वान किया था। पीएम मोदी का कहना है कि चारधाम के अलावा उत्तराखंड का नैसर्गिक सौंदर्य हमेशा से देश-दुनिया के लोगों को आकर्षित करता रहा है। अब वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी प्रदेश खास पहचान बनाएगा। प्रधानमंत्री के इस आहवान पर राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। हांलाकि विपक्ष सरकार के इन दावों को हवा हवाई करार दे रहा है

लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने की कोशिशें तेज कर दी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द एमओयू को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए हैं। सीएम पुष्कर सिहं धामी का कहना है कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान साढ़े तीन लाख करोड़ के एमओयू पर करार हुए हैं….जिसमें 44 हजार करोड़ से ज्यादा के एमओयू की ग्राउंडिंग शुरू हो गई है, सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द एमओयू को धरातल पर उतारा जाए। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उन्होने अधिकारियों को इन्वेस्टर्स समिट के तहत आए ज्यादा से ज्यादा निवेश प्रस्तावों को 15 फरवरी तक धरातल पर उतारने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री का कहना है कि निवेश के प्रस्तावों में इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय के साथ युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले निवेश से कितना रोजगार मिल रहा है, इसका पूरा विवरण तैयार किया जाए। वहीं विपक्ष ने सरकार के इन दावों को हवा हवाई बताते हुए मौजूदा इंवेस्टर्स समिट का हाल वर्ष 2018 के जैसे होने का दावा किया है…विपक्ष का कहना है कि चुनाव से पहले की ये कवायद भर है..सरकार सिर्फ हवा हवाई घोषणाएं कर रही है जिसका धरातल पर कोई सरोकार नहीं है

वहीं धामी सरकार ने राज्य को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। आपको बता दें कि समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ के बाद ‘वेड इन इंडिया’ का नारा दिया था साथ ही पीएम मोदी ने उत्तराखंड को बेस्ट वेडिंग डेस्टीनेशन भी कहा था..बता दें कि उत्तराखंड की धार्मिक मान्यताएं न सिर्फ भगवान के दर्शन के लिए बल्कि सात फेरे लेने के लिए भी विख्यात है। उत्तराखंड ही वो जगह है जहां भगवान शिव और माता पार्वती ने सात फेरे लिए थे। उत्तराखंड में त्रियुगीनारायण मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह स्थल के रूप में पहले से ही विद्यमान है। इसी तरह धर्मनगरी हरिद्वार में शांतिकुंज में बड़ी संख्या में जोड़े विधि-विधान के साथ जन्म-जन्मांतर के बंधन में बंधते हैं जबकि तीर्थनगरी ऋषिकेश भी देश-विदेश के लोगों के लिए बड़े वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। इसी तरह मसूरी, नैनीताल, रामनगर समेत सर्व सुविधा संपन्न स्थलों में देश-विदेश से आकर विवाह का चलन बढ़ा है। हांलाकि विपक्ष सत्तापक्ष को साल 2019 में गुप्ता बंधुओं के बेटों की ओली में हुई शाही शादी की याद दिलाते हुए इसे हिमालयी राज्य के लिए खतरनाक बता रहा है। साथ ही सरकार से होमवर्क पूरा करने का आहवान किया है

कुल मिलाकर धामी सरकार ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में हुए साढ़े तीन लाख करोड़ के एमओयू को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू कर दी है…वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को 15 फरवरी तक का समय भी दे दिया है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या 15 फरवरी तक ये एमओयू धरातल पर उतर पाएंगे….क्या वेडिंग डेस्टिनेशन बनाना हिमालय राज्य के लिए एक खतरा नहीं है।

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