तमिलनाडु, तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर हमले के आरोपों को लेकर स्टालिन सरकार इस समय एक्टिव मूड में आ गई है। तमिलनाडु सरकार के निर्देशानुसार, पुलिस ने तीन लोगों पर केस दर्ज किया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के एक भाजपा नेता और दैनिक भास्कर के एक संपादक सहित दो पत्रकारों पर तमिलनाडु पुलिस ने तमिलनाडु में उत्तर भारतीय श्रमिकों पर हमलों के बारे में झूठी और निराधार रिपोर्ट के लिए मामला दर्ज किया है। वहीं शनिवार को बिहार सरकार ने प्रवासियों पर हमलों के आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के एक दल को तमिलनाडु जायजा के लिए भेजा है।
जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया है। उनमें भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव, जो गोवा सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक स्थायी वकील के रूप में भी काम करते हैं। दैनिक भास्कर के एक संपादक और मोहम्मद तनवीर नाम के एक पत्रकार शामिल हैं। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के लिए तीन अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। तमिलनाडु सरकार की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि तमिलनाडु में सभी उत्तर भारतीय काम करने वाले राज्य में शांति से रह रहे हैं।
उत्तर भारतीय कामगारों के बारे में तीन आरोपियों के कथित आरोप बुधवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के जन्मदिन समारोह के बाद लगाए गए। जिसने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कई विपक्षी नेताओं का ध्यान आकर्षित किया।
उमराव जिनके ट्विटर पर बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं। उन्होंने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि हिंदी बोलने के लिए बिहार के 12 कार्यकर्ताओं को तमिलनाडु में फांसी पर लटका दिया गया। हालांकि पुलिस ने पत्रकार के इस दावे को अफवाह फैलाने वाला बताते हुए झूठा करार दिया था।
तीनों के खिलाफ विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी और वैमनस्य को बढ़ावा देने से संबंधित अपराधों के तहत आईपीसी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस प्रवासी मजदूरों के बीच परेशानी और दहशत पैदा करने के लिए झूठी अफवाहें फैलाने वाले अन्य लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर रही थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि अधिकारी ने कहा कि “डीएमके की रैली में कई प्रमुख उत्तर भारतीय नेताओं ने भाग लिया था, जिसके बाद अफवाहें शुरू हुईं। ऐसा लगता है कि सबसे पहले इससे संबंधित एक खबर दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर छपी। यह उनके प्रिंट संस्करण में प्रकाशित नहीं हुआ थी, लेकिन हमारी प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि यह ट्रिगर था। इसके तुरंत बाद तनवीर ने उत्तर भारतीय श्रमिकों पर तमिलों द्वारा किए गए हमलों पर झूठी कहानियों के साथ ट्वीट्स किए। जिसमें हिंदी बोलने के लिए तमिलनाडु में 12 लोगों की हत्या के बारे में झूठी खबरें भी शामिल थीं।”
प्रवासी श्रमिकों के पारिवारिक व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से खबर फैलते ही दहशत फैल गई। उत्तरी राज्यों में कई ऑनलाइन और टीवी समाचार आउटलेट ने इस कहानी को प्रसारित करना शुरू कर दिया और बिहार भाजपा इकाई ने भी इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, जो स्टालिन के जन्मदिन में तेजस्वी के शामिल होने को लेकर था। अधिकारी के अनुसार, “डीएमके रैली आयोजित होने के बाद से लाखों फॉलोअर्स वाले एक दर्जन प्रमुख और सत्यापित बीजेपी हैंडल इसको लेकर फर्जी खबरें फैला रहे हैं। जबकि तमिलनाडु में भाजपा के नेता खुद इस मुद्दे पर चुप हैं।”