स्टिंग प्रकरण तेज़ ,CBI में कई नेता पेश !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की राजनीति में फिर एक बार भूचाल आ गया है। साल 2016 में भूचाल लाने वाले चर्चित दल-बदल प्रकरण और उसी दौरान सामने आए स्टिंग मामले में अब सीबीआई पूरी तरह एक्शन मोड में आती दिख रही है। इस बहुचर्चित मामले की जांच में तेजी लाते हुए सीबीआई ने दल-बदल करने वाले तत्कालीन विधायकों और अन्य संबंधित नेताओं को समन भेजना शुरू कर दिया है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इनमें से कुछ नेताओं से पूछताछ भी की जा चुकी है. जबकि बाकी को अलग-अलग तारीखों पर तलब किया गया है। वहीं राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने शासकीय कार्यों का हवाला देते हुए फिलहाल पेश होने से इन्कार कर दिया। उन्हें गुरुवार को तलब किया गया था। वही इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि सीबीआई केस का जिन्न बोतल से बाहर आने का मतलब हरदा की न्याय यात्राएं निशाने पर है। हरदा की न्याय यात्रा बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश है जिसका तीर सही निशाने पर लग रहा है। क्योंकि उनकी यात्राओं की गूंज यहां से लेकर दिल्ली बीजेपी हाईकमान तक पहुंच रही है। चुनाव तक कुछ न कुछ वे करते रहेंगे ताकि हरीश रावत पर ये केस लगाया जाए और सक्रिय ना रहे रावत  जिससे भाजपा को चुनाव में नुकसान न हो।

वर्ष 2016 में दल-बदल की धमाचौकड़ी के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग वीडियो सामने आया था, जिसमें वह विधायकों को पार्टी में बनाए रखने के लिए टॉप-अप देने और मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए आंखें बंद करने जैसी बातें करते नजर आए थे। इस वीडियो ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया था और पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई। हालांकि बाद में उन्होंने इस शिकायत को वापस लेने के लिए अर्जी देनी पड़ी थी. लेकिन इस पर अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को भी 21 मई को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया था. लेकिन वह निर्धारित तिथि को उपस्थित नहीं हो सके। उन्होंने सीबीआई अधिकारियों को इस बारे में पूर्व में ही सूचना दे दी थी। संभावना जताई जा रही है कि वह शीघ्र ही दिल्ली जाकर बयान दर्ज करवा सकते हैं। इसी मामले में एक बीजेपी विधायक से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है. जबकि बाकी विधायकों और नेताओं को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि दल बदल करने वाले कुछ विधायक वर्तमान में सरकार में मंत्री हैं. जबकि कुछ भाजपा में विधायक के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

वही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आदि कैलाश यात्रा के दौरान बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि लाखों-करोड़ों देशवासियों का यह परम विश्वास है कि भाजपा की झूठ लूट और फूट की सरकार है. उत्तराखंड में भी बीजेपी ने दो झूठ बोलकर सत्ता हासिल की। त्रिवेन्द्र सरकार हो या धामी की सरकार हो. यह दोनों सरकारें झूठ के गर्भ से पैदा हुई हैं। पहली सरकार कहती है कि कांग्रेस की सरकार ने जुम्मे नमाज की छुट्टी कर दी है. इस झूठ के गर्भ से पैदा हुई. आज 9 साल हो गए हैं लेकिन जुम्मे की नमाज की सरकारी छुट्टी का गजट नोटिफिकेशन भाजपा अभी तक नहीं दिखा पाई है। 2022 में इन्होंने फिर से सरासर झूठ बोला और यह कहा कि कांग्रेस के नेताओं व हरीश रावत ने वादा किया है कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएंगे। जबकि हमारा संविधान धर्म के नाम पर किसी भी प्रकार से कोई शिक्षण संस्था, कोई और संस्था खड़ा करने की अनुमति नहीं देता है। पूर्व में मुस्लिम यूनिवर्सिटी व बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी बनी हैं तो वह संविधान के अस्तित्व में आने से पहले बनी हुई हैं। जब संविधान अनुमति देता ही नहीं है तो इसकी कोई मांग क्यों करेगा.
लेकिन भाजपा के पागल खाने से यह झूठ निकला और इस झूठ के जरिए भाजपा ने सत्ता का अपहरण किया। मैंने 10 लाख रुपए तक के इनाम की घोषणा  पहले कर दी थी कि दिखाओ मेरा वह बयान या हमारे किसी महत्वपूर्ण नेता का वह बयान. चाहे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो या प्रिंट मीडिया हो. हम तुम्हें 10 लाख रुपया इनाम देंगे। हरीश रावत ने यहां तक कह दिया कि मैं राजनीति भी छोड़ दूंगा व अपनी जीवन भर की सारी संपत्ति, अपनी पैतृक संपत्ति भी तुम्हारे नाम कर दूंगा। उन्होंने कहा हमने आदि कैलाश में आशीर्वाद लेने के बाद भगवान शिव से न्याय की याचना है कि हमें इतनी शक्ति दें कि हम भाजपा द्वारा गढ़े गये दो झूठों का पर्दाफाश कर सकें।

आपको बता दें साल 2016 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग वीडियो सामने आया था, जिसमें वह विधायकों को पार्टी में बने रहने के लिए टॉप अप देने और मंत्री पद पर रहते हुए आंखें बंद करने जैसी बात कहते हुए नजर आए थे. इसके बाद यह मामला जांच के दायरे में आ गया था. प्रकरण पर सीबीआई को जांच दी गई थी. इसके बाद से ही मामले में चार्जशीट का सिलसिला भी शुरू हुआ था.वही कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार सरकार की ना कमियों को ले कर अपनी दो दिवसीय कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रहे जहां पर से वो लगातार न्याय यात्रा को लेकर सरकार और भाजपा पर हल्ला बोले है और भाजपा से दो झूठ का जवाब मांग रहे है हालांकि रावत को अभी किसी भी झूठ की सत्यता जवाब तो नहीं मिला पाया लेकिन उनकी मुश्किलें आगे बढ़ती जरूर दिख रही है देखना होगा क्या हरीश रावत को उनके सवालो का जवाब भाजपा से मिलेगा या रावत को ही सभी सवालो के जवाब पहले स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े सीबीआई को ही देने होंगे।