KNEWS DESK- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए अधिक से अधिक प्रयास किये जायेंगे। जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए भी राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। वन क्षेत्रों में जनजातीय समाज के देव स्थलों पर पूजा-पाठ के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिए वन विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री जन-मन योजना में विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के जिन पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है, उन्हें आवश्यक परीक्षण और सर्वेक्षण के बाद लाभान्वित किया जाएगा। “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” में सभी कार्य समय-सीमा में किए जाएंगे। जनजातीय विद्यार्थियों को विशेष कोचिंग के लिए आकांक्षा योजना का लाभ मिलेगा। योजना का विस्तार कर शासकीय सेवाओं में भर्ती और महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए ऑफलाइन एवं ऑनलाइन कोचिंग प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मध्यप्रदेश जनजातीय मंत्रणा परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
विधानसभा समिति कक्ष में हुई बैठक में जनजातीय कार्य विभाग मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागरसिंह चौहान, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके, विधायकगण, परिषद के सदस्य, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव गृह जे.एन. कंसोटिया, प्रमुख सचिव जनजातीय विकास गुलशन बामरा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जनजातीय कल्याण में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। धार जिले में बटालियन में तीन चौथाई जनजातीय वर्ग के लोग शामिल करने की पहल हुई है। इसी तरह के प्रयास प्रदेश के पूर्वी अंचल में मंडला, डिण्डौरी और अन्य जिलों में भी होंगे। क्षेत्र विशेष की परिस्थितियों की दृष्टि से जनजातीय वर्ग के विकास के सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
ये भी पढ़ें- क्या 200 करोड़ का आंकड़ा होगा ‘सिकंदर’ के लिए सही? भाईजान ने किया ये दावा