उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , देवभूमि उत्तराखंड में मानसून की बारिश एक बार फिर आफत की बारिश बन गई है। दअरसल 25 सितंबर से मौसम में आए परिवर्तन के बाद प्रदेशभर में भारी बारिश देखने को मिली है। भारी बारिश की वजह से प्रदेशभर की 70 से अधिक सड़कें बंद चल रही है। जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। इस बीच चारधाम यात्रा मार्ग भी बाधित हो गया है। बताया जा रहा है कि नंदप्रयाग और चटवापीपल के पास मलबा जमा होने के कारण बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा अवरुद्ध हो गया है, जिससे आवागमन बाधित है। और जगह जगह लोग फंसे हुए हैं..वहीं मौसम विभाग ने अभी आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। इस बीच राज्य में आपदा के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर तमाम मंत्री और विधायक दूसरे राज्यों के चुनाव में व्यस्त है…और प्रदेश की जनता की सरकार को फिक्र नहीं है। इस बीच कांग्रेसियों ने देहरादून स्मार्ट सिटी के कार्यों पर भी सवाल खड़े करते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप जांच की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों ने दून की स्थिति को पहले से बेकार कर दिया है। वहीं विपक्ष के इन आरोपों के बीच मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में मानसून सीजन के दौरान भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त सड़कें 15 अक्तूबर तक गड्ढामुक्त किये जाने के निर्देश दिये हैं। हांलाकि विपक्ष मुख्यमंत्री के इन निर्देशों को हवा हवाई बता रहा है..सवाल ये है कि क्या सरकार की प्राथमिकता सिर्फ चुनाव है या फिर प्रदेश
उत्तराखंड में मानसून की बारिश आफत बनती जा रही है। दअरसल भारी बारिश से प्रदेशभर में 70 से ज्यादा मार्ग बाधित चल रहे हैं। जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं भारी बारिश की वजह से चारधाम यात्रा मार्ग भी प्रभावित हुए हैं। बताया जा रहा है कि बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा अवरूद्ध हो गया है। जिससे आवागमन बाधित हो गया है। इस बीच प्रदेशभर के कई पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले कई सालों से सड़क निर्माण ना होने से परेशान लोगों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन शुरू कर दिया है। वहीं लोक निर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि जेसीबी की मदद से बाधित सड़कों को खोला जा रहा है।
वहीं एक ओर जहां भारी बारिश ने सरकार की टेंशन को बढ़ा रखा है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मौर्चा खोलते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर स्मार्ट सिटी के कार्यों की जांच की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों ने दून की स्थिति को पहले से बेकार कर दिया है। वहीं विपक्ष के इन आरोपों के बीच मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में मानसून सीजन के दौरान भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त सड़कें 15 अक्तूबर तक गड्ढामुक्त किये जाने के निर्देश दिये हैं। हांलाकि विपक्ष मुख्यमंत्री के इन निर्देशों को हवा हवाई बता रहा है..
कुल मिलाकर भारी बारिश के बीच राज्य में आपदा के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार चुनाव में मस्त है और प्रदेश की जनता त्रस्त है लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। इस बीच कांग्रेस ने केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना स्मार्ट सिटी देहरादून के कार्यों पर भी सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है। साथ ही करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद मौजूदा परिस्थिति को कांग्रेस ने पहले से ज्यादा खराब बताकर सरकार के स्मार्ट शहर के दावे को हवा हवाई बताया है। देखना होगा राज्य में सड़क के मुद्दे पर गरमाई सियासत कब शांत होगी