उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देश भर में कांग्रेस, चुनाव के दौरान होने वाली डुप्लीकेट और फर्जी वोटिंग को लेकर पुरजोर तरीके से अपनी आवाज उठा रही है. लेकिन उत्तराखंड में होने जा रहे 2027 विधानसभा चुनाव से पहले स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के लिए ब्लॉक लेवल एजेंट BLA-1 और BLA-2 की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस बेहद उदासीन नजर आ रही है. हाल ही में उत्तराखंड मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश भर के तकरीबन 11 हजार बूथों पर सभी 6 राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा तकरीबन 4 हजार BLA2 ही अब तक नियुक्त किए गए हैं.और यह संख्या पूरे देश भर में उत्तराखंड और पंजाब की सबसे कम है. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय जोगदंडे के अनुसार, प्रदेश में स्पेशल इंटेंशन रिवीजन (SIR) सर्वे के लिए राजनीतिक दलों को भी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, ताकि आने वाले किसी भी तरह के निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ संपन्न करवाया जा सके और निर्वाचन पर या फिर सरकार पर किसी तरह के पक्षपात का आरोप ना लगे.दरअसल, निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए SIR सर्वे में सभी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों को विधानसभा स्तर पर BLA 1 एजेंट नियुक्त करना है तो वहीं बूथ स्तर पर BLA-2 की नियुक्ति को लेकर निर्देश दिए गए हैं. उत्तराखंड में 6 राष्ट्रीय राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, इंडियन नेशनल कांग्रेस, भारतीय समाजवादी पार्टी, सी पी आई एम और एनपीपी शामिल हैं.उत्तराखंड की क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल इन छह राष्ट्रीय पार्टियों में शामिल नहीं है. ऐसे में उत्तराखंड में मौजूद 11 हजार 733 बूथों पर अब तक प्रदेश के दो प्रमुख बड़े दलों में भाजपा द्वारा 2836 और कांग्रेस द्वारा 1259 BLA-2 यानी अब तक मात्र सभी राजनीतिक दलों द्वारा कुल केवल 4155 BLA2 ही अप्वॉइंट किए गए हैं, जो की बहुत कम है.
भाजपा ने चुनाव से पहले स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए तंज कसा है. की मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिए गए समय से पहले अपने सभी बूथों पर BLA2 की नियुक्ति कर दी जाएगी. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा का कहना है कि उन्हें नहीं लगता है. कि कांग्रेस यह काम कर पाएगी. क्योंकि कांग्रेस के पास संगठनात्मक ढांचा नहीं है.उन्हें नहीं लगता है कि कांग्रेस यह काम कर पाएगी. क्योंकि कांग्रेस के पास संगठनात्मक ढांचा नहीं है. जबकि भाजपा के पास संगठन का एक बड़ा नेटवर्क है, जिसमें एक्सपर्ट्स लोगों की भरमार है.वहीं कांग्रेस ने भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि, यदि भाजपा के लोग यह समझ रहे हैं कि कांग्रेस के पास संगठन नहीं है या फिर लोग नहीं है तो यह बीजेपी का बचकाना बयान है.सभी विपक्षी दल इसको को लेकर चुनाव निर्वाचन से बात कर चुके है हर सहयोग करने के लिए भी राजी है.
भाजपा ने चुनाव से पहले स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर BLA 1 का काम पूरा करने का दावा किया है,BLA2 को लेकर प्रदेश के हर बूथ पर प्रक्रिया को और तेज कर दिया है,यही वजह है की प्रदेश में अन्य विपक्षी दल अभी भी इस काम को तेजी से करने का दावा कर रहे है.साथ ही भाजपा विपक्ष पर कार्यकर्ता के न होने का दावा और जनता को भड़काने का आरोप लगता नजर आ रहा है.वहीं वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस अभी भी अपने स्टैंड पर बरकरार है. उत्तराखंड कांग्रेस का कहना है कि, भाजपा चुनाव आयोग के साथ मिलकर वोट चोरी का काम कर रही है. ऐसे आपको कई लोग आसानी से मिल जाएंगे, जो कई सालों से यहां रह रहे हैं, लेकिन उनके वोट काटे गए हैं या फिर अन्य किसी जगह पर डाले गए हैं. यह वोट चोरी का ही एक स्वरूप है. इस तरह की शिकायत बंद होनी चाहिए. इसके लिए चुनाव आयोग को काम करने की जरूरत है.
विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान बीएलओ की ओर से मतदाताओं के सत्यापन की कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में जिन व्यक्तियों या उनके परिवार की जानकारी साल 2003 के निर्वाचक नामावली में मिल जाएगी, उनसे कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं लिया जाएगा. ऐसे में उनको उम्मीद है कि प्रदेश में लगभग 60 से 70 फीसदी मतदाता ऐसे होंगे, जिनसे कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं लिए जाएंगे.जब तक विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की शुरुआत नहीं होती है, तब तक किसी भी मतदाता को कोई भी डॉक्यूमेंट बीएलओ को देने की जरूरत नहीं है. वर्तमान समय में बीएलओ, जो मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं, उसका मकसद बस यही है कि बीएलओ अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद मतदाताओं से संपर्क कर उनकी इस जानकारी एकत्र कर लें.SIR सर्वे को लेकर निर्वाचन का मानना है कि राजनीतिक दलों की भूमिका निराशाजनक अभी तक रही है,साथ ही BLA2 की नियुक्ति में पार्टियां अपनी खास रूचि नहीं दिखा पा रही है,जिसकी वजह से SIR सर्वे की प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है.