अनुशासन की पाठशाला !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड भाजपा में नेताओं की गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है। भाजपा नेताओं की बयानबाजी से पार्टी के शीर्ष नेता काफी नाराज हैं। इसको देखते हुए भाजपा ने गुटबाजी फैला रहे पूर्व मंत्री और दो विधायकों समेत पांच नेताओं को तलब कर उन्हें गुटबाजी से दूर रहने की हिदायत दी। सभी नेताओं को अनुशासन में रहकर अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने को कहा गया है। आपको बता दें कि भाजपा नेताओं की बयानबाजी को देखते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धनैविधायक किशोर उपाध्यायविधायक प्रमोद नैनवालदायित्वधारी कैलाश पंत और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य खेम सिंह चौहान को तलब किया था। सभी नेता प्रदेश कार्यालय में अलग अलग पेश हुए। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने सभी नेताओं से बातचीत कर उनकी बात सुनी और सार्वजनिक बयानबाजी न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी का कोई अंदरूनी विषय होता है तो पार्टी फोरम पर ही उसे रखा जा सकता है। वहीं पत्रकारों से बातचीत में महेंद्र भट्ट ने कहा कि पार्टी के सभी नेताओं को अनुशासन में रहने को कहा गया है। महेंद्र भट्ट ने कहा कि संगठन में कोई नया व्यक्ति हो या पुराना सभी को सार्वजनिक बयानबाजी से बचते हुए पार्टी के नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करना है। आपको बता दें कि विधायक किशोर उपाध्याय ने पत्र के जरिये पूर्व विधायक दिनेश धनै पर निशाना साधा कि उन्होंने टीएचडीसी की एक बैठक में उन पर और उनकी ही सिफारिश पर उनके समर्थकों को ठेके दिए जाने का आरोप लगाया है। किशोर उपाध्याय का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद धनै ने भी किशोर पर निशाना साधा था। इसके अलावा भी पार्टी के अन्य नेताओं के आपस के झगड़ों और बयानबाजी से पार्टी असहज है.. वहीं विपक्ष ने भाजपा में मचे इस घमासान पर अब भाजपा की घेराबंदी शुरू कर दी है। सवाल ये है कि क्या भाजपा में सबकुछ ऑल इज वैल नहीं है। क्या विपक्षी नेताओं को पार्टी में शामिल कराना अब भाजपा को ही महंगा पड़ रहा है 

 

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही उत्तराखंड भाजपा में नेताओं की जुबानी जंग और गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है। आलम ये है कि पार्टी के पांच नेताओं की खुलकर नाराजगी सामने आई है। जिसके बाद भाजपा ने गुटबाजी फैला रहे पूर्व मंत्री और दो विधायकों समेत पांच नेताओं को तलब कर उन्हें गुटबाजी से दूर रहने की हिदायत दी है। सभी नेताओं को अनुशासन में रहकर अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने को कहा गया है। आपको बता दें कि भाजपा नेताओं की बयानबाजी को देखते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धनैविधायक किशोर उपाध्यायविधायक प्रमोद नैनवालदायित्वधारी कैलाश पंत और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य खेम सिंह चौहान को तलब किया था। सभी नेता प्रदेश कार्यालय में अलग अलग पेश हुए। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने सभी नेताओं से बातचीत कर उनकी बात सुनी और सार्वजनिक बयानबाजी न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी का कोई अंदरूनी विषय होता है तो पार्टी फोरम पर ही उसे रखा जा सकता है।

 

आपको बता दें कि उत्तराखंड भाजपा में ये कोई नया विवाद नहीं है….इस पहले भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल अपनी ही सरकार के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के घर के बाहर धरने पर बैठ गये थे। इसके बाद भाजपा विधायक महेश जीना नगर आयुक्त और नगर निगम के कर्मचारियों से टेंडर मामले में बदसलूकी करते हुए नजर आए। वहीं अब भाजपा के दो विधायकोंएक पूर्व विधायकएक दायित्वधारी और एक कार्यकारिणी सदस्य के विवाद सामने आने से पार्टी असहज हो गई है। हांलाकि पार्टी के नेताओं का कहना है कि पार्टी में सबकुछ ठीक है और पार्टी अनुशासन प्रिय पार्टी है इसके लिए सभी नेताओं को अनुशासन में रहना अनिवार्य होगा

 

कुल मिलाकर एक तरफ जहां भाजपा अनुशासन की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर पार्टी के नेताओं के एक के बाद एक सामने आ रहे बयान और गुटबाजी ने पार्टी के दावों की पोल खोल दी है सवाल ये है कि क्या सख्त हिदायत देने से ही सबकुछ ठीक होगा या सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए थी… सवाल ये है कि क्या भाजपा में सबकुछ ऑल इज वैल नहीं है। क्या विपक्षी नेताओं को पार्टी में शामिल कराना अब भाजपा को ही महंगा पड रहा है  

 

 

 

About Post Author