रजिस्ट्रेशन पर बवाल, रोजी-रोटी का सवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विपक्ष के निशाने पर आ गये हैं….दअरसल कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी को प्रदेश की जनता के मुद्दो से कोई सरोकार नहीं है। मुख्यमंत्री धामी कभी दिल्ली तो कभी उड़ीसा और अन्य राज्यों के दौरे में व्यस्त है.. ऐसे में राज्य में गतिमान चारधाम यात्रा, प्रदेश के जंगलों में लगी भीषण आग के साथ ही बिजली-पानी की कटौती और मानसून आगामन की कोई चिंता नहीं है। इतना ही नहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार चारधाम यात्रा का सही से संचालन नहीं कर पा रही है जिससे राज्य की छवि पर इसका विपरित असर पड़ रहा है। वहीं चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आने के बाद भी राज्य के होटल और अन्य कारोबारी सरकार से बेहद नाराज है। इनका कहना है कि राज्य सरकार चारधाम यात्रा पंजीकरण को लेकर अबतक कोई ठोस व्यवस्था नहीं बना पाई है। जिससे यात्रा से जुड़े कारोबारियों का कारोबार ठप हो रहा है। व्यापारियों ने राज्य सरकार से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को हटाने की मांग की है। बता दें कि 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में भक्तों का भारी सैलाब देखने को मिल रहा है। गंगोत्री-बदरीनाथ समेत चारों धामों में मात्र एक महीने में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 20 लाख के पार हो गई है। वहीं अबतक 40 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्रियों ने धामों में जाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसके बाद भी कारोबारियों में मायूसी है…सवाल ये है कि क्या मुख्यमंत्री धामी को राज्य के मुद्दों की परवाह नहीं है।

 देवभूमि उत्तराखंड में विपक्ष ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ मौर्चा खोल दिया है। विपक्षी दलों ने राज्य के मुख्यमंत्री पर प्रदेश के मुद्दों पर ध्यान ना देने का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि राज्य में गतिमान चारधाम यात्रा, प्रदेश के जंगलों में लगी भीषण आग के साथ ही बिजली-पानी की कटौती और मानसून आगामन की कोई चिंता नहीं है। इतना ही नहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार चारधाम यात्रा का सही से संचालन नहीं कर पा रही है जिससे राज्य की छवि पर इसका विपरित असर पड़ रहा है। वहीं चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आने के बाद भी राज्य के होटल और अन्य कारोबारी सरकार से बेहद नाराज है।

आपको बता दें कि 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में भक्तों का भारी सैलाब देखने को मिल रहा है। गंगोत्री-बदरीनाथ समेत चारों धामों में मात्र एक महीने में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 20 लाख के पार हो गई है। वहीं अबतक 40 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्रियों ने धामों में जाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसके बाद भी कारोबारियों में मायूसी है…वहीं प्रदेश के जंगलों में एक बार फिर वनाग्नि की घटनाएँ बढ़ गई है। इसके साथ ही बिजली और पानी का संकट गहरा गया है। साथ ही अब मानसून का भी आगमन होने जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार का इन सभी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं है

कुल मिलाकर विपक्ष के निशाने पर एक बार फिर मुख्यमंत्री धामी आ गये है। दअरसल सीएम धामी पहले लोकसभा चुनाव के प्रचार प्रसार में व्यस्त थे, इसके बाद मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह और अब   ओडिशा के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री धामी प्रदेश से बाहर है। जिसको लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में देखना होगा कि राज्य सरकार इन सभी व्यवस्थाओं में कितना सुधार ला पाती है।

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