उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। दअरसल देर रात देहरादून के रेलवे स्टेशन पर जमकर बवाल हो गया…दअरसल दूसरे समुदाय की किशोरी से मिलने पहुंचे युवक को लोगों ने जमकर पीट दिया। इसके बाद दो पक्ष आमने-सामने आ गए और पथराव शुरू हो गया। स्थिति को काबू करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर बुलाया गया। इस घटना में पुलिस की गाड़ी समेत कुछ निजी वाहन क्षतिग्रस्त हुए। वहीं एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि किसी अज्ञात के द्वारा समुदाय विशेष की सूचना कुछ अराजकतत्वों को दी गई. जिसके बाद पथराव शुरू हो गया….वहीं रेलवे स्टेशन में देर रात हुए पथराव मामले में पुलिस ने बजरंग दल के नेता विकास वर्मा को गिरफ्तार किया गया. वहीं विकास वर्मा की अरेस्टिंग के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए हैं. हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद कराने के साथ ही घंटाघर को जाम कर दिया….वहीं राज्य में बदहाल कानून व्यवस्था पर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था चौपट है। अधिकांश मामलों में भाजपा के नेता ही शामिल हैं जिन्हें सरकार बचाने में लगी है।
उत्तराखंड में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर बवाल शुरू हो गया है। आलम ये है कि राजधानी देहरादून के रेलवे स्टेशन पर ही दो पक्षों में जमकर बवाल हो गया. रेलवे स्टेशन में देर रात तक पथराव होने से अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। वहीं इस बवाल से भारी नुकसान हुआ है। पुलिस के मुताबिक किसी अज्ञात के द्वारा समुदाय विशेष की सूचना कुछ अराजकतत्वों को दी गई. जिसके बाद पथराव शुरू हो गया..वहीं पुलिस ने इस मामले में बजरंग दल के नेता विकास वर्मा को गिरफ्तार किया गया है. वहीं विकास वर्मा की गिरफ्तारी के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए हैं. हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद कराने के साथ ही घंटाघर को जाम कर दिया….प्रदर्शनकारी एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं..वहीं इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है
आपको बता दें कि देवभूमि उत्तराखंड में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। आए दिन आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है। खुद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर चुके हैं। वहीं सरकार का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार लगातार कानून व्यवस्था में सुधार की समीक्षा कर रही है। साथ ही कानून को भी सख्त किया जा रहा है। बता दें कि राज्य दंगारोधी विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद अब दंगाईयों से सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से इस नुकसान की भरपाई की जाएगी।
कुल मिलाकर देवभूमि उत्तराखंड में भी कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। जिस देवभूमि को सबसे शांत माना जाता था. वहां आए दिन हंगामें लूट, चोरी, डकैती और महिला अपराधों के मामले बढ़ना बेहद चिंता की बात है। वहीं सरकार कडे कानून बनाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कह रही है। सवाल ये है कि आखिर कौन है जो प्रदेश के माहौल को खराब कर रहा है। आखिर क्यों आपराधिक घटनाओं पर पुलिस लगाम नहीं लगा पा रही है