स्वामी प्रसाद मौर्य को थप्पड़ मारने वाले रोहित द्विवेदी को मिला 11 लाख रुपये का चेक

KNEWS DESK- बीते सप्ताह राजनीति और समाज में हलचल मचाने वाली एक घटना ने आज नया मोड़ ले लिया। पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को थप्पड़ मारने वाले युवक रोहित द्विवेदी को रविवार को 11 लाख रुपये का चेक भेंट किया गया। यह चेक समाजसेवी आशीष तिवारी ने अपने समर्थकों के साथ रोहित को सौंपा, जिससे इस घटना ने अब एक सांकेतिक विरोध से आर्थिक समर्थन की शक्ल ले ली है।

बुधवार को सारस तिराहे पर एक कार्यक्रम के दौरान जब स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत किया जा रहा था, तभी रोहित द्विवेदी ने मंच पर चढ़कर उन्हें थप्पड़ मार दिया। घटना के तुरंत बाद, मौर्य के समर्थकों ने रोहित और उसके साथी की पिटाई की और पुलिस के हवाले कर दिया।

पुलिस ने रोहित द्विवेदी (निवासी कौरापुर गौरा) और शिवम यादव (निवासी ऑटी नौगवां) के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा, जहां से दोनों को शनिवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

रिहाई के बाद रोहित द्विवेदी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन धर्म और रामचरितमानस का अपमान कर रहे थे। उन्होंने निजी राजनीतिक हितों के लिए धार्मिक ग्रंथों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। इससे आहत होकर मैंने उन्हें थप्पड़ मारा।”

यह बयान रोहित के उस रुख को दर्शाता है जिसमें वह अपने कृत्य को धार्मिक आस्था की रक्षा के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।

रविवार को समाजसेवी आशीष तिवारी ने गांव पहुंचकर रोहित को 11 लाख रुपये का चेक सौंपा। इस घटना को कई हलकों में प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है, जो कि कानून व्यवस्था और सामाजिक समरसता की दृष्टि से चिंताजनक संकेत है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना एक गहरे सामाजिक ध्रुवीकरण की ओर इशारा करती है, जहां किसी व्यक्ति पर हमला कर देने को वीरता या धर्मरक्षा के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।