नई दिल्ली। जंतर मंतर पर पहलवानों के चल रहे धरना प्रदर्शन के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत दिल्ली पहुंचे।जहां पर उन्होनें कहा कि पहलवानों को हरहाल में न्याय मिलना ही चाहिए।
दरअसल आपको बता दें कि जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को कई राजनैतिक दलों ने समर्थन दिया है. कांग्रेस सहित आम आदमी पार्टी के नेता धरना स्थल पहुंचकर समर्थन दे चुके हैं. वहीं अब जानकारी मिली है कि खाप पंचायतें भी पहलवानों के समर्थन में लामबंद हो गई हैं. किसानों का जत्था दिल्ली पहुंच चुका है. किसान नेता राकेश टिकैत भी जंतर-मंतर पहुंचे हैं. जिसको मद्देनजर रखते हुए दिल्ली की सीमा से लगे बॉर्डर एरिया में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं.
दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में सिर्फ राजनैतिक पार्टियां ही नहीं बल्कि खाप पंचायतें भी उतर चुकी हैं| पंजाब के कुछ किसान संगठनों ने भी पहलवानों के प्रदर्शन को सपोर्ट किया है| दिल्ली से सटे टिकरी बॉर्डर पर जमा हुए किसानों ने प्रदर्शन किया है| किसानों का यह जत्था दिल्ली में एंट्री कर रहा था, जहां उन्हें पुलिस ने रोक लिया| इसके बाद किसानों ने हाथों में झंडा लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया| पंजाब के उनके साथ महिलाएं भी आई हैं जिनके साथ खाने पीने और बनाने का सामान है|यह किसान आंदोलन की तरह है, जब प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की सीमा पर डेरा डाल दिया था और अस्थाई कमरे, किचन तक बना लिए गए थे|
बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई चाहती हैं खाप पंचायतें चाहती है की बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाए| जानकारी के अनुसार ज्यादातर खाप पंचायतें इस बात से खफा हैं कि इतने दिनों के बाद भी बृजभूषण शरण सिंह पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हीं की गई|दिल्ली पुलिस ने खाना पूर्ति के लिए एफआईआर दर्ज की है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया है| खाप पंचायतों का कहना है कि यदि बृजभूषण सिंह पर कार्रवाई नहीं की गई तो दिल्ली को घेरेंगे| जानकारी के अनुसार 7 मई यानि रविवार को खाप पंचायतें दिल्ली पहुंचने की कोशिश करेंगी|
दीपेंद्र हुड्डा ने क्या बयान दिया भारतीय कुश्ती संघ के प्रेसीडेंट बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि यह साजिश है और इस विरोध प्रदर्शन के पीछे कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा का हाथ है| कुंडली-मानेसर सीमा पर किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा ने साफ कहा कि वे भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव नहीं लडऩा चाहते हैं|