KNEWS DESK – सोमवार को राजधानी जयपुर में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बीजेपी के बंटोगे तो कटोगे नारे पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि ये बातें समसामयिक और सत्य हैं। उन्होंने इस बयान के जरिए एकता का संदेश दिया और कहा कि चाहे पंथ अलग-अलग हों, लेकिन हम सब हिंदू एक हैं।
कश्मीर और पाकिस्तान पर भी दिया कड़ा बयान
आपको बता दें कि मंगलवार को राजधानी जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एक बड़ा बयान दिया| जयपुर में एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि यह बयान समसामयिक और सत्य है। रामभद्राचार्य ने जोर देते हुए कहा, “हमें बंटना नहीं है। चाहे पंथ अनेक हों, हम सब हिंदू एक हैं। जब हम एक होकर रहेंगे, हमारा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “जैसे एक अंगुली अकेली होती है, तो कोई भी उसे तोड़ सकता है, लेकिन जब वही अंगुलियां एक होकर मुक्का बन जाती हैं, तो उसे तोड़ने वाले के दांत टूट जाते हैं।” यह बयान उन्होंने देश की एकता और अखंडता पर बल देते हुए दिया, और हिंदू समाज को एकजुट रहने का संदेश दिया।
पाकिस्तान, पीओके और कश्मीर पर तीखा बयान
जरामभद्राचार्य ने पिछले कुछ दिनों में कश्मीर, पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को लेकर कई अहम बयान दिए। उन्होंने श्रीराम कथा के दौरान कहा, “कश्मीर हमारा है। यह हमारे देश का अभिन्न अंग है। कोई भी इसे हमसे अलग नहीं कर सकता। धारा-370 की बात मत करो, कुछ ही समय में पाक अधिकृत कश्मीर भी हमारा होगा।” कश्मीर भारत का सिरमौर है। भारत माता की चिंता मत करिए, जब तक जगद्गुरु रामभद्राचार्य का त्रिदंड रहेगा, भारत की ओर कुदृष्टि रखने वालों की आंखें निकाल कर रख दी जाएंगी,” रामभद्राचार्य ने अपने बयान में कहा।
“पहले प्रधानमंत्री ने देश को बांटने का काम किया”
रामभद्राचार्य ने अपने बयान में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम लिए बिना कड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमारे देश का दुर्भाग्य देखिए कि पहले प्रधानमंत्री ने देश को बांटने का काम कर दिया।” कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया गया और दूसरा हिस्सा भारत में ही रखा गया।
उन्होंने आगे कहा, “कश्मीर हमारे देश का मुकुट मणि है, ऋषि कश्यप की जन्मस्थली है। यही कश्मीर है, जहां भगवान शिव अमरनाथ के रूप में विराजित हैं और माता वैष्णो देवी का धाम है। इस कश्मीर को आधा कर दिया गया। इस पर धारा-370 भी लगा दी गई, जो आज भी भारत को बांटने की एक साजिश का हिस्सा बनी हुई है।”
आगे की योजना और एकता का संदेश
रामभद्राचार्य ने अपनी बातों को और स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत की एकता और अखंडता के लिए हिंदू समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है। उनका कहना था कि जब तक हिंदू समाज संगठित रहेगा, तब तक कोई भी शक्ति भारत की एकता को तोड़ नहीं पाएगी। उनके बयान से यह साफ हुआ कि वे भारत की राजनीतिक स्थिति और धर्मनिरपेक्षता के मुद्दों पर अपनी राय स्पष्ट रूप से रखते हैं और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इससे पहले, रामभद्राचार्य ने कश्मीर मुद्दे पर भी जोर दिया था, जब उन्होंने कहा था कि कश्मीर का विवाद जल्दी सुलझेगा और पाकिस्तान से अलग किए गए कश्मीर क्षेत्र को भी जल्द भारत में शामिल किया जाएगा।