राजस्थान: जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने लिया प्रण, “जब तक श्री कृष्ण जन्मभूमि का फैसला नहीं आ जाता, नहीं जाऊंगा किसी भी श्रीकृष्ण मंदिर”

KNEWS DESK – राजस्थान के जयपुर में चल रही 9 दिवसीय रामकथा के दौरान तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर और जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर एक बड़ा और विवादित बयान दिया है। उन्होंने मंच से यह ऐलान किया कि वह तब तक किसी भी श्री कृष्ण मंदिर में दर्शन करने के लिए नहीं जाएंगे जब तक मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर कानूनी फैसला नहीं हो जाता।

जयपुर में रामकथा के दौरान लिया संकल्प
जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित इस रामकथा के दौरान जब जगद्गुरु रामभद्राचार्य व्यास गद्दी पर बैठे थे, तब उन्होंने यह संकल्प लिया। उन्होंने विशेष रूप से शहर के सबसे प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर श्री गोविंद देव जी के दर्शन के संदर्भ में यह बात की। रामभद्राचार्य ने कहा, “मैंने श्री गोविंद देव जी से कह दिया है कि आप कितनी भी मनुहार करें, जब तक मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक मैं किसी भी कृष्ण मंदिर में दर्शन करने नहीं जाऊंगा।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनका व्यक्तिगत संकल्प है, जो उन्होंने धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों से लिया है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि यह समय है जब श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले पर निर्णय लिया जाए और हिन्दू समाज को उनके धार्मिक अधिकारों का पूर्ण सम्मान मिलना चाहिए।

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गलता गद्दी पर भी दिया बयान
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपने संबोधन में जयपुर की प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गलता गद्दी का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गलता गद्दी, जो हिंदू धर्म में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, उन्‍हीं के अनुयायियों के अधिकार में रहेगा और वह इस पर विजय स्तंभ स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका कहना था कि “गलता गद्दी पर भी रामानंदियों का विजय स्तंभ लगेगा और यह स्थान हमारे ही अधिकार में रहेगा।”

राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका
जगद्गुरु रामभद्राचार्य राम मंदिर आंदोलन से गहरे जुड़े रहे हैं। वह लंबे समय से श्रीराम जन्मभूमि मामले के पक्षधर रहे हैं और जब इस साल राम मंदिर का उद्घाटन हुआ, तो उन्होंने इस ऐतिहासिक पल को भारतीय धर्म और संस्कृति के लिए गर्व का क्षण बताया। राम मंदिर का उद्घाटन उस समय हुआ जब शंकराचार्य ने मंदिर के अधूरे निर्माण पर सवाल उठाए थे, तब रामभद्राचार्य ने खुलकर शंकराचार्य के विरोध का जवाब दिया और राम मंदिर के उद्घाटन को स्वागत योग्य कदम बताया।

श्री कृष्ण जन्मभूमि पर फैसले की प्रतीक्षा
जगद्गुरु रामभद्राचार्य का यह बयान मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर चल रहे विवाद के बीच आया है। मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि पर धार्मिक और कानूनी विवाद लंबे समय से चल रहा है और इसके समाधान को लेकर हिंदू समाज में गहरी उम्मीदें हैं।

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