रिपोर्ट-सुरेश सविता
उत्तर प्रदेश, कानपुर। गर्मी का मौसम चालू होते ही रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों पर कहर सा टूट पड़ता है। लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्री इतनी भीषण गर्मी में यात्रा करते है तो बार बार पानी की जरूरत पड़ती है ऐसे में ये यात्री पानी के लिए बड़े स्टेशनों पर निर्भर रहते है। ट्रेन जब बड़े स्टेशन पहुंचती है तो बड़ी आस से वो पानी के लिए नलों की तरफ भागते है ऐसे में उन्हें वहा पानी नहीं मिलता। जिन नलों में पानी मिलता भी हैं तो इतना गर्म पानी होता कि यात्री वही पानी पीने पर मजबूर होता है और न चाहते हुये भी पानी खरीद कर पीना पड़ता है व कई जगह यात्रियों की भीड़ होती है तो ऐसे में उन्हें पानी नहीं मिल पाता अगर पानी के लिए किसी दूसरे प्लेटफॉर्म में जाने का सोचा तो फिर ट्रेन छुटने का डर लगा रहता है इस पानी की किल्लत से अवैध वेंडरों की चांदी होती है जो गंदा पानी बोतलों में भरकर ऊंचे दामों में बेचते मिल जाते है स्टेशन के बाहर पानी की बोतलों का लगा रहता है जमावड़ा अंदर यात्री बिलखते रहते हैं पानी पीने को। रेलवे प्रशासन पानी की समस्या को दूर करने की बजाय गैर जरूरी कामों में व्यस्त रहता है जिससे इस तरह की समस्या आम बनी हुई है