KNEWS DESK- कांग्रेस नेता राहुल गांधी 3 जून, मंगलवार को ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। इस अभियान का उद्देश्य पार्टी संगठन को जमीनी स्तर यानी बूथ स्तर तक मज़बूत करना है। गुजरात में सफलता के बाद अब इसे मध्य प्रदेश में लागू किया जा रहा है, जहां कांग्रेस नेतृत्व संगठनात्मक मजबूती और कार्यकर्ता सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है।
राहुल गांधी मंगलवार सुबह 10:20 बजे भोपाल पहुंचेंगे। उनका यह दौरा पूरी तरह संगठनात्मक गतिविधियों पर केंद्रित होगा। वे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कई महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेंगे, जहां वे पार्टी की जमीनी रणनीति पर चर्चा करेंगे और आगामी राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए दिशा-निर्देश देंगे।
दिनभर का कार्यक्रम-
सुबह 11:00 से 12:00 बजे – राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक (प्रदेश कांग्रेस कार्यालय, तीसरी मंजिल):
इस बैठक में प्रदेश के वरिष्ठ नेता राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर विचार-विमर्श करेंगे। आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।
दोपहर 12:00 से 12:30 बजे – सांसदों एवं विधायकों के साथ संवाद (प्रदेश कांग्रेस कार्यालय, पहली मंजिल):
राहुल गांधी पार्टी के सांसदों और विधायकों से सीधे संवाद करेंगे, उनके क्षेत्रों की समस्याएं, जनता की अपेक्षाएं और संगठनात्मक सुझाव जानेंगे।
दोपहर 12:30 से 01:30 बजे – पर्यवेक्षकों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक (राजीव गांधी सभागार, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय):
AICC द्वारा नियुक्त 61 पर्यवेक्षक और प्रदेश कांग्रेस द्वारा चुने गए नवनियुक्त प्रभारी एक साझा बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक का उद्देश्य जिलावार संगठन का पुनर्गठन और प्रभावशाली नेतृत्व की पहचान करना है।
दोपहर 01:30 से 02:30 बजे – विशेष परामर्श और अनौपचारिक चर्चा:
इस समयावधि में राहुल गांधी पार्टी नेताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत करेंगे और अभियान की आगे की दिशा पर निजी स्तर पर मार्गदर्शन देंगे।
हर जिले में एक प्रमुख पर्यवेक्षक और चार सह-पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है, जो स्थानीय कार्यकर्ताओं की पहचान कर जिला अध्यक्षों के लिए नाम सुझाएंगे। राहुल गांधी इन पर्यवेक्षकों को स्वयं निर्देशित करेंगे और जिलों का आवंटन भी तय करेंगे। ‘संगठन सृजन अभियान’ कांग्रेस पार्टी के संगठन को न केवल पुनर्गठित करने बल्कि उसे जमीनी स्तर पर फिर से मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। यह अभियान उस दृष्टिकोण को दर्शाता है जिसमें कार्यकर्ताओं की भागीदारी और नेतृत्व की जवाबदेही पर विशेष जोर दिया गया है। राहुल गांधी का यह दौरा इस बात का संकेत है कि कांग्रेस अब मैदान में सिर्फ बड़े चेहरों के सहारे नहीं, बल्कि बूथ स्तर तक मजबूत कार्यकर्ता नेटवर्क के साथ चुनावी मुकाबले की तैयारी कर रही है।
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