प्रधान बनने की रेस, मतगणना हुई तेज़ !

किसी भी लोकतंत्र का अहम भाग चुनाव होता है, और जो की भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है जहां एक त्योहार के रूप में चुनावों को किया जाता है, चुनाव प्रकिया से ही देश के कोने कोने में सुशासन, कानून व्यवस्था व पारदर्शिता जैसी चीज़ो को बढ़ावा मिलता आया है, और अच्छे विकास तथा आम लोगों के हित के लिए चुनाव व राजनीति का होना बहुत ही आवश्यक है, एक चुनाव ही है जिसके माध्यम से आम नागरिक अपने मतदान के जरिये अपने हित के अनुसार अपना नेता चुनता है, भिन्न भिन्न प्रकार से समय समय की अवधि के साथ चुनाव होते है, लोक सभा , राज्य सभा, राज्य विधान सभा, विधान परिषद् व भारत के राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के चुनाव प्रमुख होते है, देश से लेकर किसी भी राज्य की सरकार को चुनने के लिए चुनाव आवश्यक होते है, बात करे राज्य की तो कई वर्षों के आंदोलन के बाद साल 2000 में उत्‍तर प्रदेश से निकलकर उत्‍तराखंड राज्‍य बना था, 2000 से 2006 तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था, जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया, राज्‍य से लोकसभा के लिए 5, राज्‍यसभा के लिए 3 और विधानसभा के लिए 70 सदस्‍य चुने जाते हैं, क्योंकि उत्तराखंड एक पहाड़ी व ग्रामीण क्षेत्र भी है और हज़ारों गांवों के लोगों का रहन सहन इन क्षेत्रों में लम्बे समय से हो रहा है ऐसे में उनको भी उनके हक के अनुसार, उनकी बातो को समझने व समय समय पर सरकारी सहूलते लोगों तक पहुंचाने वाले एक नेता या कहे तो एक प्रधान की आवश्यकता होती है जिसको चुनने के लिए ऐसे ग्रामीणों क्षेत्रों में पंचायत चुनाव मुख्य मार्ग होता है, बात करे तो पंचायत राज संस्थाओं के प्रथम आम चुनाव वर्ष 2003 में राज्य के 12 जिलों में कराए गए, इसके बाद 2008 और 2014 में पंचायत चुनाव कराए गए, अंतिम आम चुनाव 2019 में हुए, जिनमें 55,572 ग्राम पंचायत सदस्य, 7,485 प्रधान, 2,984 बीडीसी सदस्य और 356 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए, वर्तमान में उत्तराखंड राज्य में 13 जिला पंचायतें, 95 विकास खंड और 7,485 ग्राम पंचायतें हैं, उक्त अधिनियम की धारा 14, 59 और 96 के अनुसार ग्राम पंचायतों के प्रधान, उप-प्रधान और सदस्यों, क्षेत्र पंचायतों के प्रमुख, उप-प्रमुख और सदस्यों तथा जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के चुनाव की देखरेख, निर्देशन और नियंत्रण राज्य निर्वाचन आयोग के अंतर्गत आता है, बीते सप्ताह 24 जुलाई 2025 को पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 49 विकासखंडो में हुआ जिसका योग 68 फीसदी निकला,वही दूसरे चरण का मतदान 28 जुलाई 2025 को 40 विकासखंडो में हुआ जिसका कुल योग 70 फिसदी रहा है, 12 जिलों में कुल 69.16 फीसदी मतदान हुआ है, वही आज 31जुलाई 2025 को पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आने है, 32,580 प्रत्याशी अपनी अपनी किस्मत आजमा रहे है, प्रत्याशियों की दिलो की धड़कने तेज़ है, निर्वाचन आयोग की भी पुरी तैयारी मतगणना को लेकर है साथ ही 15024 से अधिक कर्मचारियों को मतगणना की ड्यूटी में लगाया गया गया है, राजनितिक दल भी अपने आप में उत्सुक है साथ ही सभी दावेदार भी अब देखने वाली बात यही होगी की कितनों को जनता ने सेवा के लिए चुना है, कौन कितने लम्बे समय तक टिक कर लोगों के हित में कार्य करेगा और कार्य आम जनता की हित में होगा या खुद अपने हित में यह तो समय ही बताएगा ,

वीओ — उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग की जानकारी के अनुसार ग्राम सभा निर्वाचन नामावली में कुल 47,77,072 मतदाता है, जिसमें 24,65,702 पुरुष मतदाता और 23,10,996 महिला मतदाताओं के साथ ही 374 अन्य मतदाता शामिल है. पंचायत चुनाव में कुल मतदाताओं के सापेक्ष 69.16 मतदाताओं यानी करीब 33,03,823 मतदाताओं ने मतदान किया है, जिसमें करीब 15,83,720 पुरुष मतदाता और करीब 17,19,843 महिला मतदाता शामिल है. ऐसे में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पुरुष मतदाताओं के मुकाबले करीब 1,36,123 अधिक महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.वही लगातार मतगणना जारी है जीत कर आ रहे रुझानों में प्रत्याशियों में साफ जोश देखने को मिल रहा है 

प्रदेश के 12 जिलों में कुल 69.16 फीसदी मतदाताओं में मतदान किया है.
अल्मोड़ा जिले में 59.73 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
ऊधम सिंह नगर जिले में 83.21 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
चम्पावत जिले में 67.95 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
पिथौरागढ़ जिले में 64.36 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
नैनीताल जिले में 74.25 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
बागेश्वर जिले में 63.11 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
उत्तरकाशी जिले में 78.81 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
चमोली जिले में 64.90 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
टिहरी गढ़वाल जिले में 60.11 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
देहरादून जिले में 77.83 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
पौड़ी गढ़वाल जिले में 61.25 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.
रुद्रप्रयाग जिले में 62.98 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.

आपको बता दे आज सुबह 8 बजे से मतगणना प्रदेश भर में जारी है.हर तरफ जीत के जश्न में प्रत्याशियों में ख़ुशी की लहर साफ देखने को मिल रही है वही तमाम राजनितिक पार्टिया भी समर्थन में रहे  प्रत्याशियों की जीत को लेकर खुश है उनको उम्मीद है प्रदेश की छोटी सरकार बनने के बाद अग्रिम चुनाव में भी वो जीत का प्रचंड लहरायेगे ऐसे में देखना होगा भविष्य में होने जा रहे 2027 के चुनाव इन छोटी सरकार की जीत के रस्ते से किसको बड़ी सरकार का सपना सच्च करने में कामयाबी हासिल करते है. 

इस पंचायत चुनाव में तमाम पदों के लिए चुनाव लड़ रहे 32,580 प्रत्याशियों के लिए 33 लाख से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया है.
इसमें से जिला पंचायत सदस्य के 350 पदों पर 1,587 उम्मीदवार
क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2,732 पदों पर 9,194 उम्मीदवार
ग्राम प्रधान के 6,119 पदों के लिए 17,564 प्रत्याशी
ग्राम पंचायत सदस्य 1,881 पदों के लिए 4,235 उम्मीदवार चुनावी मैदान थे.

उत्तराखंड पंचायत चुनाव के हुए मतदान का फाइनल आंकड़ा इस बार बढ़चढ़ कर आ गया है.मतदाताओं में चुनाव को लेकर जोश देखने को मिला। प्रदेश में 12 जिलों में 69.16 फीसदी मतदान हुआ है. यानी ग्रामीणों ने गांव की सरकार को चुनने में खासा उत्साह दिखाया. इस चुनाव की खास बात ये रही कि पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने वोटिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद निर्वाचन आयोग आज 31 जुलाई को होने वाली मतगणना की पूरी तैयारियों को लेकर पहले से ही अपना प्लान निर्धारित कर लिया था.आपको बता दे मतगणना लगातार जारी है जिसका पूरा आकड़ा देर शाम तक आयेगा लेकिन जिन प्रत्याशियों का परिणाम आ रहा है वो अपनी जीत का जश्न माना रहे है हारे हुए अपनी कमियों पर मंथन कर रहे है। 

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट