उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में एक बार फिर सांप्रदायिक माहौल बिगड़ गया है। आक्रोशित लोगों ने उत्तरकाशी में बाजार बंद रखा, संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल की ओर से क्षेत्र में बनी मस्जिद के खिलाफ जनाक्रोश रैली निकाली गई..इस रैली को बड़ा जनसमर्थन मिला है। व्यापारियों ने बाजार बंद रखा साथ ही विशेष समुदाय के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की साथ ही इन पर माहौल बिगाड़ने का भी आरोप लगाया। इस बीच चमोली में भी विशेष समुदाय के विरोध जबरदस्त तनाव देखने को मिल रहा है। हिन्दुवादी संगठनों ने इन लोगों को 31 दिसंबर तक क्षेत्र छोड़कर चले जाने के लिए कहा है। इस फरमान का AIMIM के संस्थापक असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी निंदा की है। उन्होने चमोली व्यापार मंडल की 15 मुस्लिम परिवारों को क्षेत्र छोड़कर चले जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। ओवैसी ने एक्स पर लिखा कि समान नागरिक संहिता का कानून बनाने वाले उत्तराखंड में क्या मुसलमानों को समानता से जीने का अधिकार नहीं है। वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि यह सब भाजपा के इशारे पर हो रहा है। भाजपा सांप्रदायिक तनाव पैदा कर नाराजगी को बढ़ाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। वहीं एक ओर जहां प्रदेश भर में समुदाय विशेष को लेकर तनाव है तो वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड क्रांति दल ने देहरादून में विशाल तांडव रैली निकाली…इसके जरिए सरकार से बाहरी लोगों को प्रदेश से बाहर करने, उत्तराखंड में मूल निवास 1950 लागू करने, सशक्त भू कानून, गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग की है.
उत्तराखँड की शांत वादियों में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव बिगड़ गया है। प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में समुदाय विशेष को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आक्रोशित लोगों ने उत्तरकाशी में बाजार बंद रखा, संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल की ओर से क्षेत्र में बनी मस्जिद के खिलाफ जनाक्रोश रैली निकाली गई..इस रैली को बड़ा जनसमर्थन मिला है। व्यापारियों ने बाजार बंद रखा साथ ही विशेष समुदाय के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की साथ ही इन पर माहौल बिगाड़ने का भी आरोप लगाया। इस बीच इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने का आरोप है कि यह सब भाजपा के इशारे पर हो रहा है। भाजपा सांप्रदायिक तनाव पैदा कर नाराजगी को बढ़ाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।
वहीं एक ओर जहां प्रदेश भर में समुदाय विशेष को लेकर तनाव है तो वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड क्रांति दल ने देहरादून में विशाल तांडव रैली निकाली…इसके जरिए सरकार से बाहरी लोगों को प्रदेश से बाहर करने, उत्तराखंड में मूल निवास 1950 लागू करने, सशक्त भू कानून, गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग की है. इस बीच चमोली में भी विशेष समुदाय के विरोध जबरदस्त तनाव देखने को मिल रहा है। हिन्दुवादी संगठनों ने इन लोगों को 31 दिसंबर तक क्षेत्र छोड़कर चले जाने के लिए कहा है। इस फरमान का AIMIM के संस्थापक असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी निंदा की है। उन्होने चमोली व्यापार मंडल की 15 मुस्लिम परिवारों को क्षेत्र छोड़कर चले जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। ओवैसी ने एक्स पर लिखा कि समान नागरिक संहिता का कानून बनाने वाले उत्तराखंड में क्या मुसलमानों को समानता से जीने का अधिकार नहीं है। वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि यह सब भाजपा के इशारे पर हो रहा है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव बढ़ता जा रहा है। एक ओर जहां सरकार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट कर निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश के लिए आमंत्रित कर रही है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेशभर में बिगड़ती कानून व्यवस्था ने सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी है। सवाल ये है कि आखिर कौन उत्तराखंड की शांत वादियों में जहर धोल रहा है, आखिर क्यों सरकार इन घटनाओं को रोकने में नाकाम हो रही है।