KNEWS DESK – देवभूमि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल राजधानी देहरादून में कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री आवास का कूच किया। इस विशाल कूच में हजारों लोगों जिसमें की विशेषकर महिलाओं ने एकत्रित होकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाहिर है लोगों की इस नाराजगी ने सरकार की चिंता बढ़ाई होगी। वहीं कांग्रेसियों का आरोप है कि भाजपा के राज में शांतिप्रिय प्रदेश उत्तराखंड में भी अपराध बढ़े हैं। चिंता की बात ये है कि कई मामलों में भाजपा के नेता शामिल है। जिन्हें सरकार बचाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा नेता मुकेश बोरा पर महिला कर्मचारी से दुष्कर्म का आरोप है लेकिन कोई कार्रवाई नही की गई, इसके अलावा सल्ट भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवत बोरा पर किशोरी से छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं…इसके अलावा ऐसे दर्जनों भाजपा नेताओ पर आरोप है…लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई…..वहीं राज्य में विपक्ष के बवाल के बीच भाजपा के अपने ही नेताओं ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। दअरसल हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद की सरकार के राज में राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किये थे। वहीं राज्य के डीजीपी ने राजनीतिक नेताओ की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए नेताओँ को “राज्य सरकार और पुलिस पर थोड़ा भरोसा रखने” की सलाह दी थी। जिसपर पलटवार करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डीजीपी को अपने दायरे में रहने की सलाह दी है। सवाल ये है कि आखिर क्यों कानून व्यवस्था पर सरकार सुधार नहीं कर पा रही है|
उत्तराखंड में कानून व्यवस्था पर सियासी पारा गरमाया हुआ है। कांग्रेस ने राज्य की बदहाल कानून व्यवस्था के विरोध में मुख्यमंत्री आवास का कूच किया। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के राज में महिला अपराधों की संख्या बढ़ी है। भाजपा के राज में शांतिप्रिय प्रदेश उत्तराखंड में भी अपराध बढ़े हैं। चिंता की बात ये है कि कई मामलों में भाजपा के नेता शामिल है। जिन्हें सरकार बचाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा नेता मुकेश बोरा पर महिला कर्मचारी से दुष्कर्म का आरोप है लेकिन कोई कार्रवाई नही की गई, इसके अलावा सल्ट भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवत बोरा पर किशोरी से छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं…इसके अलावा ऐसे दर्जनों भाजपा नेताओ पर आरोप है…लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई…..वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए ये प्रदर्शन कर रही है
आपको बता दें कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक दुष्कर्म के मामलों में उत्तराखंड 9 पहाड़ी राज्यों में टाप पर है..और प्रदेशभर में ये आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। राज्य में स्थिति ये है कि विपक्ष के साथ साथ अब सत्तापक्ष के नेता भी कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे… जिसकी वजह से भाजपा के अपने ही नेताओं ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। बता दे कि हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद की सरकार के राज में राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किये थे। वहीं राज्य के डीजीपी ने राजनीतिक नेताओ की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए नेताओँ को “राज्य सरकार और पुलिस पर थोड़ा भरोसा रखने” की सलाह दी थी। जिसपर पलटवार करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डीजीपी को अपने दायरे में रहने की सलाह दी है।
कुल मिलाकर राज्य में अपराध का ग्राफ बढ़ना चिंता की है। हांलाकि राज्य का पुलिस प्रशासन कई मामलों में कार्रवाई तो कर रहा है। लेकिन जो तत्परता समय रहते दिखनी चाहिए और जो व्यवस्था होनी चाहिए उसमे काफी कमी दिखाई दे रही है। वहीं प्रदेश में अपराध इस कदर तक बढ़ गया है कि खुद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करने पड़ रहा है। देखना होगा राज्य की कानून व्यवस्था में कब सुधार देखने को मिलता है।
उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट