बाहरी-भीतरी का सवाल, उपचुनाव पर बवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों में होने वाले उपचुनाव के लिए राज्य में सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा-कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दल इस उपचुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है। लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्त्साहित भाजपा जीत को लेकर काफी आश्वस्त है। वहीं कांग्रेस ने इस चुनाव के बीच बाहरी और भीतरी का सवाल खड़ा कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी के पास इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ाने के लिए अपना कोई प्रत्याशी नहीं है मंगलोर सीट पर भाजपा ने ऐसे प्रत्याशी को उतारा है जो पहले कांग्रेस और बसपा के टिकट पर पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ चुका है जबकि बद्रीनाथ सीट पर भी उन्होंने कांग्रेस विधायक रहे राजेंद्र भंडारी को चुनावी मैदान में उतारा है। इससे साफ है कि भाजपा के पास अपना कोई भी जिताऊ कैंडिडेट नहीं है, वहीं आपको बता दें कि मंगलौर और बद्रीनाथ सीट पर प्रत्याशियों ने नामांकन कराना भी शुरू कर दिया है। एक और जहां कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने नामांकन दाखिल किया है। तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटौला 21 जून को नामांकन दाखिल करेंगे। जबकि भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र सिंह भंडारी और करतार सिंह भडाना 20 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। वहीं भाजपा ने उपचुनाव के इस दंगल को जीतने के लिए 40 स्टार प्रचारकों की भी लिस्ट जारी की है। इसके तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नाम सबसे पहले रखा गया है। इसके अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है। सवाल ये है कि क्या बाहरी और भीतरी का सवाल उठाने से क्या कांग्रेस जीत जाएंगी, क्या लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस उपचुनाव में कमाल दिखा पाएगी।

 

देवभूमि उत्तराखंड में हुए लोकसभा चुनाव के बाद अब उपचुनाव जीतने की नई जंग शुरू हो चुकी है। प्रदेश की दो विधानसभा बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों में 10 जुलाई को होने वाले मतदान के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है। इस बीच कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने नामांकन दाखिल किया है…इसके बाद अब कांग्रेस बद्रीनाथ विधानसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी लखपत बुटौला के नामांकन की तैयारियों मे जुट गई है। वहीं भाजपा की बात करें तो भाजपा के दोनों प्रत्याशी 20 जून को नामांकन करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नामांकन के दौरान मौजूद रहेंगे। वहीं लोकसभा चुनाव में मिली जीत से भाजपा काफी उत्साहित नजर आ रही है। जबकि कांग्रेस भाजपा पर अपने प्रत्याशियों के टोटा होने का दावा कर रही है

आपको बता दें कि उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की वजह ये है कि मंगलौर विधानसभा सीट से बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी का निधन हो गया था। जबकि बद्रीनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक रहे राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने के बाद इस सीट से रिजाईन कर दिया था। जिसके बाद अब दोनों सीटों पर उपचुनाव होना है….भाजपा ने इन दोनों सीटों पर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए राजेंद्र भंडारी और करतार सिंह भडाना को प्रत्याशी बनाया है। जिसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर बाहरी प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाने का मुद्दा बनाया है

कुल मिलाकर लोकसभा के बाद अब राज्य में उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। निश्चित ही भाजपा लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित है लेकिन भाजपा को याद रखना होगा कि मंगलौर सीट पर भाजपा कभी भी चुनाव नहीं जीती है। हांलाकि उत्तराखंड के इतिहास में विधानसभा उपचुनाव का गणित हमेशा सत्ताधारी दल के पक्ष में झुका रहा है। अब तक हुए 15 में से 14 उपचुनावों में सत्ता पक्ष को जीत मिली है। ऐसे में उपचुनाव के नतीजे देखना काफी दिलचस्प होता जा रहा है।

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