KNEWSDESK – राज्यपाल बनवारीलाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने राज्य के वित्तीय संसाधनों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन नहीं करने का आरोप लगाया है और 2022 – 23 के कर्ज का भी जिक्र किया। वहीं मुख्यमंत्री के द्वारा जारी किए आंकड़ों और महालेखापरीक्षक के आंकड़ों की तुलना की। राज्यपाल ने कहा कि 2022 – 23 में 23,835 करोड़ रुपये की स्वीकृति राशि के मुकाबले 33, 886 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। आपको बता दें कि पिछले दिनों भगवंत मान ने भी राज्यपाल को कर्ज के बोझ को लेकर पत्र लिखा था। अब राज्यपाल ने उसका जवाब दिया है। अब जाहिर है कि इसको लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान में तनातनी बढ़ गई हैं।
राज्यपाल ने कहा कि जाहिर है कि इसका इस्तेमाल पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए नहीं किया गया है, ऐसे में अतिरिक्त कर्ज का इस्तेमाल कहांं किया गया, यह स्पष्ट करने की जरूरत है और आगे कहा कि राज्य सरकार ने 2022 – 23 में 23,835 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि के मुकाबले 33 ,886 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि प्रभावी रूप से पूंजीगत व्यय अनुमानित 11, 375.59 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,500 करोड़ रुपये से अधिक घटकर 9,691.53 करोड़ रुपये रह गया। इस संबंध में संशोधित अनुमानों के अनुसार अतिरिक्त कर्ज का इस्तेमाल पिछली ब्याज देनदारी को चुकाने के लिए भी नहीं किया गया।
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अल्प वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन
प्रदेश सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने अल्प वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन विवेकपूर्ण तरीके से करेगी और आगे लिखा कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन प्रभावी और कुशल तरीके से नहीं कर रही है।
राज्य सरकार और सीएजी के आंकड़ों की तुलना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कर्ज में 47 , 107 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का आंकड़ा प्रस्तुत किया सीएजी ने 2022 -23 में 49,961 करोड़ रुपये का आंकड़ा जारी किया था। राज्य सरकार ने पूंजीगत व्यय आंकड़ा 10,208 करोड़ बताया गया। सीएजी के अनुसार 7,831 करोड़ रुपये है।
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