बजरंग दल का प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन, बजरंग दल देश को जोड़ने और पीएफआई तोड़ने वाला संगठन 

उत्तराखंड/देहरादून : कर्नाटक में कांग्रेस का अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबन्ध लगाने के एलान के बाद बजरंग दल कार्यकर्ताओ में देशभर में रोश है। इसी कड़ी में राजधानी देहरादून में भी बजरंग दल कार्यकर्ताओ ने कांग्रेस मुख्यालय के बाहर अपना विरोध जताते हुए जमकर नारेबाजी करी, और ‘कांग्रेस धर्म विरोधी दल’ के नारे लगाए। बजरंग दल के कार्यकर्ता पोस्टर लेकर घंटाघर से प्रदेश मुख्यालय कांग्रेस तक पहुंचे। जहां पहुंचकर उन्होंने ‘बजरंग दल देश का बल’ जैसे नारे लगाए। और कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की।

बजरंग दल का पीएफआई से तुलना करना देश का अपमान 

बजरंग दल  संगठन का कहना है कि कांग्रेस ने अपनी देश विरोधी सोच के चलते संगठन पर प्रतिबन्ध लगाने का एलान किया है। साथ ही कहा कि बजरंग दल की तुलना पीएफआई और सिमी जैसे आतंकवादी संगठनों  से करना भी उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता भी मुख्यालय पहुंचे। दोनों ने जमकर एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करी। वहीं कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने कहा कि उत्तराखंड जैसे शांतिप्रिय प्रदेश में इस तरह की गुंडागर्दी अशोभनीय है। साथ ही पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठाये। दूसरी ओर बजरंग दल के प्रांतीय मंत्री विकाश वर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने बजरंग दल को पीएफआई जैसे देश विरोधी संगठन के समकक्ष रखकर बजरंग दल का अपमान किया है। कहा कि बजरंग दल हमेशा राष्ट्र और प्रदेश के हित में कार्य करता रहा है। प्रदेश में अंकिता हत्याकांड जैसे कई मामलों को प्रमुखता से उसने उठाया है। वहीं कांग्रेस हमेशा वोट बैंक के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है।

 

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