रिपोर्ट – मधुर दरबारी
उत्तर प्रदेश – तीर्थो के तीर्थ प्रयागराज में 2025 में महाकुंभ का महाआयोजन होना है। जिसको दिव्य और भव्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार और प्रशासन के लगभग सभी विभाग अपनी-अपनी कमर कस चुके हैं, लेकिन गंगा और यमुना के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि अब महाकुंभ के काम में अवरोध उत्पन्न करने लगी है ।
बता दें कि गंगा ,जमुना के किनारे निर्माणाधीन कई घाटों का काम पहले रोका जा चुका है और जिलों का जलस्तर भी यहां को प्रभावित कर रहा है। बांदा में यमुना खतरे के निशान को पार कर चुकी है। वहां का पानी भी प्रयागराज आएगा। यमुना में अधिक पानी आने पर गंगा बैक फ्लो करेगी। इसी तरीके से यदि गंगा जमुना का जलस्तर बढ़ता रहा तो बहुत जल्दी बड़े हनुमान मंदिर तक गंगा जमुना का पानी पहुंच जाएगा। वैसे अभी तक महाकुम्भ का काम व्यापक स्तर पर संगम क्षेत्र में किया जा रहा है, लेकिन जैसे-जैसे नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है इन कामों में अवरोध दिखाई पड़ने लगा है और निर्माण करने वाली एजेंसियों को पीछे हटना पड़ रहा है। जिसके वजह से काम में बाधा आ रही है।
ऐसा माना जा रहा है कि जब कुछ समय बाद नदियों का जलस्तर कम होने लगेगा, उसके बाद ही महाकुंभ का काम तेजी पकड़ेगा, क्योंकि राज्य सरकार और प्रशासन इसको दिव्य और भव्य बनाने का बीड़ा उठा चुके है। ऐसे में मेला प्रशासन के कर्मचारी ने महाकुम्भ से संबंधित अहम् जानकारियां दी।