उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव नजदीक है तमाम राजनीतिक दल इसको फतह करने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। माना जा रहा था कि धामी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में यूसीसी को लागू कर देगी….लेकिन यूसीसी पर सस्पेंस अबतक बरकरार है। 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा तक की तारीख नजदीक आ गई है। लेकिन अबतक राज्य में यूसीसी कब लागू होगा इसकी तारीख सरकार नहीं बता पा रही है। हांलाकि इसी बीच 22 जनवरी को ही यूसीसी के लिए गठित समिति का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है..अब सरकार समिति के कार्यकाल को बढ़ाएगी या नहीं कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा….हांलाकि कभी मुख्यमंत्री तो कभी राज्य के मंत्री राज्य में यूसीसी को जल्द लागू होने का दावा तो कर रहे हैं….लेकिन सरकार धरातल पर ऐसा करती हुई दिखाई नहीं दे रही.. वहीं मुख्यमंत्री और मंत्री तमाम जनसभाओं में यूसीसी के मुद्दे को जमकर भुना रहे हैं साथ ही यूसीसी को लागू करने का जनता से वादा भी कर रहे हैं. लेकिन सरकार यूसीसी कब लागू करेगी ये नहीं बता पा रही है…जिससे सरकार की मंशा पर ही अब सवाल खडे हो रहे हैँ। आपको बता दें कि धामी सरकार ने 27 मई 2022 को पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था….इस समिति को बने मई 2024 में दो साल पूरे होने वाले हैं और सरकार का कहना है कि अबतक समिति ने उसे यूसीसी का ड्राफ्ट नहीं सौंपा है..जबकि ड्राफ्ट कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई 30 जून 2023 को प्रेसकॉन्फ्रेंस में खुद कह चुकी है कि ड्राफ्टिंग का काम पूरा हो चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों सरकार को अबतक समिति ने यूसीसी का ड्राफ्ट नहीं सौंपा, क्या सरकार जानबूझकर यूसीसी के मुद्दे को भुनाने के चलते यूसीसी को लागू नहीं कर रही है
उत्तराखंड में यूसीसी कब लागू होगा इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। धामी सरकार राज्य में जल्द यूसीसी को लागू करने का दावा तो कर रही है फिल्हाल धरातल पर ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है। वहीं यूसीसी के लिए गठित समिति का कार्यकाल 22 जनवरी को खत्म हो रहा है..सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार पांचवी बार समिति के कार्यकाल को फिर से बढ़ा सकती है..वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सरकार ने जनता से वादे किए हैं उन सभी वादों को सरकार पूरा करेगी…यूसीसी का ड्राफ्ट अभी सरकार को नहीं मिला है जैसे ही ड्राफ्ट सरकार को मिलेगा सरकार यूसीसी को लागू करने के लिए कार्य करेगी.. वहीं विपक्ष ने सवाल खडे किए हैं कि सरकार पिछले दो साल से यूसीसी लागू होने का दावा कर रही है लेकिन सरकार अबतक ऐसा नहीं कर पाई है…जिसके बाद अब जानकार भी सवाल खडे करने लगे हैं
एक तरफ जहां विपक्ष यूसीसी के लागू करने को लेकर सवाल खडे कर रहा है। तो दूसरी ओर राज्य के संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि सरकार इसी जनवरी माह में विशेष सत्र बुलाने जा रही है। जिसमें यूसीसी और राज्य आंदोलनकारियों के 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण से संबंधित दो विधेयक सदन में पारित कराए जाएंगे…आपको बता दें कि धामी सरकार ने आठ सितंबर को विधानसभा सत्र में राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण विधेयक को पेश किया था….लेकिन विधेयक में कुछ संसोधन के लिए इसे प्रवर समिति को सौंपा गया था… इस समिति ने 9 नवंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को सौंप दी है….जिसके बाद अब मांग की जा रही है कि जल्द विशेष सत्र बुलाकर राज्य आँदोलनकारियों की इस मांग को पूरा किया जाए….हांलाकि अबतक ऐसा ना होने से राज्य आंदोलनकारियों में भी नाराजगी है साथ ही विपक्ष भी सरकार की मंशा पर सवाल खडे कर रहा है
कुल मिलकार एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में यूसीसी और राज्य आंदोलनकारियों के क्षेतिज आरक्षण पर सियासत फिर से गरमा गई है। सरकार दोनों ही मोर्चों पर गंभीर होने का दावा कर विशेष सत्र में विधेयक लाने का दावा तो कर रही हैं हालाकि ये तो वक्त बताएगा की क्या सरकार इस दोनों मुद्दों पर आगे क्या कार्रवाई करती है..देखना होगा क्या इस जनवरी माह में यूसीसी लागू होगा या एक बार फिर सरकार समिति का कार्यकाल बढ़ाएगी