रिपोर्ट – रीतेश चौहान
यूपी – उत्तर प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए लाख प्रयत्न करे परन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है| 2024-25 का शैक्षिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू होकर चार माह बीतने को हैं पर नौनिहालों के हाथ में नई पुस्तकें नहीं पहुँच पाई, आखिर कौन है जिम्मेदार देखिए पूरी रिपोर्ट|
बदायूँ जनपद में बेसिक शिक्षा के परिषदीय विद्यालयों में अब तक कक्षा 1 व कक्षा 2 के विद्यार्थियों को नई पुस्तकें तक नहीं मिल पाई हैं, पढ़ाई का नया सत्र शुरू हुए चार माह बीत गए ऐसी हालत में अभिभावक सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला करा कर खुद ठगा सा महसूस कर रहे हैं, ऐसे ही अभिभावक प्राइवेट स्कूलों में बच्चों का एडमिशन कराने को मजबूर होते हैं प्राइवेट स्कूलों में पुस्तकों ड्रेस और फीस की मोटी रकम चुकाते हैं, अक्षम और गरीबों के बच्चे प्राथमिक शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, एक तरफ सरकार शिक्षकों पर दबाव बनाती है कि अपने अपने स्कूलों में अधिक से अधिक पंजीकरण करें, लेकिन विद्यालयों में पुस्तकें तब नहीं हैं इसमें किस स्तर पर लापरवाही है और कौन जिम्मेदार है यह एक बड़ा सवाल है,ABSA ओमप्रकाश वर्मा ने बताया सभी विद्यालयों में लगभग 75% छात्रों को दी जा चुकी हैं हाल ही में कक्षा 1 व 2 की पुस्तकें प्राप्त हुईं हैं उनका वितरण दो से तीन दिन के अंदर कर दिया जाएगा|
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