राजस्थान, ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट और ओल्ड पेंशन स्कीम के बाद अब पचपदरा रिफाइनरी (बाड़मेर) को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव पैदा हो गया है। मंगलवार को बाड़मेर पहुंचे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार रिफाइनरी निर्माण में अपने हिस्से का पैसा नहीं दे रही है। राज्य सरकार पर 2500 करोड़ बकाया हैं।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी मंगलवार को बाड़मेर-जैसलमेर के दौरे पर रहे। केंद्रीय मंत्री ने सोमवार रात जोधपुर में स्टे किया। मंगलवार सुबह वे बाड़मेर के पचपदरा पहुंचे जहां उन्होंने निर्माणाधीन रिफाइनरी का विजिट किया। संसदीय क्षेत्र बाड़मेर में आगमन पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के नेतृत्व में डोली गांव में स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
इसके बाद केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री एवं स्थानीय बाड़मेर सांसद कैलाश चौधरी ने पचपदरा में निर्माणाधीन रिफाइनरी स्थल का अवलोकन किया। इस दौरान दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने रिफाइनरी अधिकारियों से प्रगति समीक्षा बैठक में आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए।
कैलाश चौधरी ने बताया कि पचपदरा में बनने वाली यह रिफाइनरी एशिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी है, जिसका 50 फीसदी कार्य पूरा होने वाला है। इस परियोजना में प्रति वर्ष नौ मिलियन टन रिफाइनिंग क्षमता और दो मिलियन टन प्रति वर्ष पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स क्षमता की योजना बनाई गई है। साथ ही इस रिफाइनरी के माध्यम से एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी
बाड़मेर जिले के पचपदरा में बनने वाली रिफाइनरी एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी। जिसका काम चल रहा है। उल्लेखनीय है कि परियोजना के लिए भारत सरकार की स्वीकृति नवंबर 2017 को मिली थी। 16 जनवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिफाइनरी का शिलान्यास किया था।