विपक्ष का हल्ला जारी, विधायकों की जेब भारी !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट  , मानसून की भारी बारिश के बीच राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैँण के भराडीसैँण मे शुरू हुआ तीन दिवसीय मानसून सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया है। मात्र तीन दिनों के सत्र में भी विपक्ष का काफी हंगामा देखने को मिला, सत्र के आखिर दिन विपक्ष ने आपदा के मुद्दे पर जमकर हंगामा काटा….वहीं पर्याप्त समय ना मिलने पर विपक्ष ने सदन से वाक आउट कर दिया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार जनहित से जुड़े मुद्दों के जवाब से बच रही है। सरकार का कहना है कि वह विपक्ष के हर सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है, वहीं विपक्ष के हंगामें के बीच धामी सरकार ने सदन में पांच हजार करोड़ से अधिक का अनुपुरूक बजट पास कराने के साथ ही अन्य विधेयक भी पारित किये हैं। इसमें दो महत्वपूर्ण विधेयक है जिसकी खूब चर्चा भी हो रही है.इसके तहत उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2024 इसके तहत अब उत्तराखंड में दंगाइयों से नुकसान की भरपाई होगी इसके साथ ही उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024 को भी पारित किया गया है। इसके तहत उत्तराखंड में विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ गये हैं। राज्य की 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों को अब प्रतिमाह वेतन-भत्ते के रूप में लगभग चार लाख रुपये मिलेंगे। बढ़ती महंगाई को देखते हुए तदर्थ समिति ने विधायकों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की संस्तुति की थी। वहीं सरकार के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। जन संघर्ष मोर्चा ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है वहीं कांग्रेस आपदा के दौरान लिये गये इस निर्णय पर सवाल उठा रही है..सवाल ये है कि क्या सीमित आय के संसाधन वाले उत्तराखंड राज्य में विधायकों के इतने वेतन भत्ते बढ़ाना सही है

 

उत्तराखंड विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र संपन्न हो गया है। राज्य सरकार कामकाज के लिहाज से सत्र को काफी ऐतिहासिक बता रही है। जबकि विपक्ष इसे घोर निराशाजनक बता रहा है। विपक्ष का आरोप है कि तीन दिनों के सत्र में जनहित से जुड़े कोई प्रश्न सदन में नहीं उठ सके….और सरकार विपक्ष के सवालों से बचने के लिए सत्र की अवधि को नहीं बढ़ा रही. वहीं सत्र के आखिर दिन विपक्ष ने आपदा के मुद्दे पर जमकर हंगामा काटा….और चर्चा के लिए पर्याप्त समय ना मिलने पर विपक्ष ने सदन से वाक आउट कर दिया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार जनहित से जुड़े मुद्दों के जवाब से बच रही है।

वहीं विपक्ष के हंगामें के बीच धामी सरकार ने सदन में पांच हजार करोड़ से अधिक का अनुपुरूक बजट पास कराने के साथ ही अन्य विधेयक भी पारित किये हैं। इसमें दो महत्वपूर्ण विधेयक है जिसकी खूब चर्चा भी हो रही है.इसके तहत उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2024 इसके तहत अब उत्तराखंड में दंगाइयों से नुकसान की भरपाई होगी इसके साथ ही उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024 को भी पारित किया गया है। इसके तहत उत्तराखंड में विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ गये हैं। राज्य की 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों को अब प्रतिमाह वेतन-भत्ते के रूप में लगभग चार लाख रुपये मिलेंगे। बढ़ती महंगाई को देखते हुए तदर्थ समिति ने विधायकों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की सिफारिश की थी।

 

कुल मिलाकर गैरसैँण में शुरू हुए तीन दिवसीय मानसून सत्र का विपक्ष के हंगामें के बीच समापन हो गया है। सरकार इस सत्र को काफी ऐतिहासिक बता रही है, जबकि विपक्ष सत्तापक्ष पर जनता के सवालों से बचने का आरोप लगा रहा है। वहीं धामी सरकार ने आपदा के बीच विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाकर नया बखेड़ा शुरू करा दिया है। सवाल ये है कि क्या सीमित आय के संसाधन वाले उत्तराखंड राज्य में विधायकों के इतने वेतन भत्ते बढ़ाना सही है या नहीं

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