KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है, और सदन की कार्यवाही की शुरुआत होते ही विपक्ष ने बिजली के निजीकरण का मुद्दा उठाया। विपक्ष के नेताओं का आरोप था कि इस कदम से बिजली के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे आम जनता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उनका कहना था कि बिजली विभाग के पास निजी कंपनियों से ज्यादा अनुभव है, और निजीकरण को तत्काल रोका जाए।
विपक्ष के आरोपों पर ऊर्जा मंत्री का जवाब
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बिजली का निजीकरण राज्य के लिए आवश्यक है और इससे राज्य के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार बिजली विभाग के कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखेगी और जो भी कदम उठाए जाएंगे, वे राज्य और जनता के भले के लिए होंगे। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 2017 में जब भाजपा की सरकार सत्ता में आई, तब बिजली विभाग पर एक लाख 42 हजार करोड़ रुपये का घाटा था, जिसे कम करने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
शर्मा ने यह भी कहा कि जब सपा की सरकार सत्ता में थी, तो राज्य के डेढ़ लाख मजरे विद्युतीकरण से बाहर थे, और यह स्थिति सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम थी। हालांकि, उन्होंने यह माना कि पिछली सरकारों के कुप्रबंधन और भाजपा सरकार के सुधार प्रयासों के बावजूद, बिजली विभाग में कुछ समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है।
ऊर्जा मंत्री ने विपक्ष के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि निजीकरण से बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि जो भी कदम उठाए जा रहे हैं, वे राज्य की जनता को 24 घंटे बिजली प्रदान करने के उद्देश्य से हैं। उनके मुताबिक, सरकार कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखेगी और उन्हें अलग-अलग निगमों में समाहित किया जाएगा।
राज्य के विकास के लिए उठाए जा रहे कदम
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार जो कुछ भी कर रही है, वह प्रदेश की जनता के हित में कर रही है और उनके कल्याण के लिए जरूरी है। उनके अनुसार, राज्य में बिजली की गुणवत्ता और आपूर्ति को सुधारने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि हर घर को निर्बाध और सस्ती बिजली मिल सके। यूपी विधानमंडल के इस सत्र में बिजली के निजीकरण को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तकरार बढ़ने की संभावना है, क्योंकि दोनों पक्ष अपने-अपने तर्कों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें- केशव प्रसाद मौर्य ने महाकुंभ को लेकर अखिलेश यादव और ममता बनर्जी को निशाने पर लिया, बोले- माफी मांगें