उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव नजदीक है तमाम राजनीतिक दल इसको फतह करने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। वहीं धामी सरकार चुनाव से पहले राज्य में यूसीसी का दांव चलने की तैयारी में है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही समान नागरिक संहिता यानि की (यूसीसी) लागू किया जाएगा। सीएम ने कहा कि यूसीसी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार कर लिया है। ये रिपोर्ट सरकार को जल्द मिलने वाली है। ड्राफ्ट रिपोर्ट मिलते ही सरकार इसे लागू करने की दिशा में कार्य करेगी…वहीं मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद विधानसभा सचिवालय ने सत्र की तारीख का भी ऐलान कर दिया है। अधिसूचना के मुताबिक 5 फरवरी को सुबह 11बजे से सत्र की कार्यवाही शुरू की जाएगी..माना जा रहा है कि सत्र के दौरान धामी सरकार विधानसभा में यूसीसी और राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण विधेयक को पेश कर सकती है। आपको बता दें कि धामी सरकार ने बीते वर्ष आठ सितंबर को विधानसभा सत्र में राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण विधेयक को पेश किया था….लेकिन विधेयक में कुछ संसोधन के लिए इसे प्रवर समिति को सौंपा गया था…इस समिति ने 9 नवंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को सौंप दी थी….जिसके बाद अब उम्मीद लगाई जा रही है कि धामी सरकार सत्र के दौरान राज्य आंदोलनकारियों की 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण की मांग को पूरा कर सकती है। वहीं इन सबके बीच धामी सरकार ने यूसीसी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल 15 दिन के लिए और बढ़ा दिया है। सरकार ने 27 मई 2022 को पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था….वहीं विपक्ष ने यूसीसी को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खडे किए हैं। सवाल ये है कि क्या इस साल धामी सरकार राज्य में यूसीसी को लागू करेगी
लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य में यूसीसी लागू कर सकती है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने इसके संकेत दिए हैँ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू किया जाएगा। यूसीसी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है। रिपोर्ट सरकार को मिलते ही इसे लागू किया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद विधानसभा सचिवालय ने सत्र की तारीख का भी ऐलान कर दिया है। अधिसूचना के मुताबिक 5 फरवरी को सुबह 11बजे से सत्र की कार्यवाही शुरू की जाएगी..माना जा रहा है कि सत्र के दौरान धामी सरकार विधानसभा में यूसीसी और राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण विधेयक को पेश कर सकती है। वहीं विपक्ष ने बीजेपी पर यूसीसी के बहाने धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया है
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने यूसीसी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल 15 दिन के लिए और बढ़ा दिया है। सरकार ने समिति का कार्यकाल चौथी बार बढ़ाया है आपको बता दें कि धामी सरकार ने 27 मई 2022 को पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था….इस समिति को बने मई 2024 में दो साल पूरे होने वाले हैं हांलाकि अबतक सरकार को इस समिति ने अबतक यूसीसी का ड्राफ्ट नहीं सौंपा है….माना जा रहा है कि फरवरी के पहले सप्ताह में यूसीसी का ड्राफ्ट सरकार को मिल सकता है..माना जा रहा है कि सत्र के दौरान धामी सरकार विधानसभा में यूसीसी और राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण विधेयक को पेश कर सकती है। आपको बता दें कि धामी सरकार ने बीते वर्ष आठ सितंबर को विधानसभा सत्र में राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण विधेयक को पेश किया था….लेकिन विधेयक में कुछ संसोधन के लिए इसे प्रवर समिति को सौंपा गया था…इस समिति ने 9 नवंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को सौंप दी थी….जिसके बाद अब उम्मीद लगाई जा रही है कि धामी सरकार सत्र के दौरान राज्य आंदोलनकारियों की 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण की मांग को पूरा कर सकती है।
कुल मिलाकर राज्य में एक बार फिर यूसीसी को लेकर सियासत शुरू हो गई है। सरकार एक तरफ जहां यूसीसी को जल्द राज्य में लागू करने का दावा कर रही है तो वही दूसरी ओर पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी यूसीसी के लिए गठित समिति अबतक यूसीसी का ड्राफ्ट सरकार को नहीं सौंप पाई है ऐसे में समिति की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खडे हो रहे हैं सवाल ये है कि क्या 5 फरवरी से शुरू हो रहे सत्र में सरकार यूसीसी और राज्य आंदोलनकारियों के क्षेतिज आरक्षण के विधेयक को लाएगी..या नहीं