उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में निकाय चुनाव के ऐलान के साथ ही भाजपा-कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों के लिए जिताऊ प्रत्याशियों का चयन करना बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है। कल यानि की 27 दिसंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. लेकिन अबतक ना सत्ताधारी दल भाजपा और ना ही मुख्य विपक्षी कांग्रेस अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर पाए हैं। हांलाकि बैठकों का दौर दोनों ही दलों में जारी है। वहीं प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा में माथापच्ची ज्यादा करनी पड़ रही है। इसके पीछे की बड़ी वजह है कि उत्तराखंड भाजपा में विपक्षी दलों के अबतक 15 हजार से ज्यादा नेताओँ को पार्टी अबतक शामिल कराया जा चुका है। बावजूद इसके भी गुरूवार को भी बड़ी संख्या में विपक्षी दलों के सैंकड़ों नेताओं को भाजपा में ज्वाईन कराया गया…भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का दावा है कि विपक्षी नेताओं के पार्टी में शामिल होने के साथ ही बड़ी संख्या में दावेदारों की संख्या का होना पार्टी के लिए शुभसंकेत है. भाजपा अध्यक्ष की मानें तो कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के पास प्रत्याशियों का टोटा है. वहीं प्रत्याशियों के मंथन के बीच कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। दअरसल मंत्री रेखा आर्या ने फुटबाल मैदान और अन्तर्राष्ट्रीय हल्द्वानी स्पोर्टस काम्पलैक्स स्टेडियम का लोकापर्ण किया। जिसको कांग्रेस ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की मांग की है। सवाल ये है कि आखिर क्यों अबतक प्रत्याशियों का ऐलान भाजपा-कांग्रेस नहीं कर पाए हैं.
देवभूमि उत्तराखंड में सालभर के लंबे इंतजार के बाद निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 23 जनवरी को मतदान होना है. जिसके लिए 27 दिसंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. हांलाकि भाजपा-कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों के लिए जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश करना बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है। हांलाकि बैठकों का दौर सभी राजनीतिक दलों में जारी है। वहीं प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा में माथापच्ची ज्यादा करनी पड़ रही है। इसके पीछे की बड़ी वजह है कि उत्तराखंड भाजपा में विपक्षी दलों के अबतक 15 हजार से ज्यादा नेताओँ को पार्टी अबतक शामिल कराया जा चुका है। बावजूद इसके भी गुरूवार को भी बड़ी संख्या में विपक्षी दलों के सैंकड़ों नेताओं को भाजपा में ज्वाईन कराया गया…भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का दावा है कि विपक्षी नेताओं के पार्टी में शामिल होने के साथ ही बड़ी संख्या में दावेदारों की संख्या का होना पार्टी के लिए शुभसंकेत है…वहीं कांग्रेस का कहना है कि जल्द ही प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाएगा
आपको बता दें कि राज्य के करीब 100 नगर निकायों के चुनाव साल 2018 में हुए थे जिनका पांच वर्ष का कार्यकाल एक दिसंबर 2023 को खत्म हो गया था…..इसके बाद राज्य सरकार ने निकायों में प्रशासकों की तैनाती कर दी. वहीं प्रशासकों की तैनाती के करीब एक साल बाद निकाय चुनाव की घोषणा की गई है। वहीं निकाय चुनाव बैलेट पैपर से होंगे. हांलाकि कांग्रेस को अभी भी सरकार की मंशा पर संदेह है. इस बीच कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। मंत्री रेखा आर्या ने फुटबाल मैदान और अन्तर्राष्ट्रीय हल्द्वानी स्पोर्टस काम्पलैक्स स्टेडियम का लोकापर्ण किया। जिसको कांग्रेस ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की मांग की है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है लेकिन अबतक भाजपा-कांग्रेस अपने अपने प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम निर्णय नहीं ले पाएं है. हांलाकि जीत को लेकर दोनों ही दलों के दावे जरूर शुरू हो गये हैं। सवाल ये है कि आखिर कबतक भाजपा-कांग्रेस अपने प्रत्याशियों का ऐलान करेंगे. क्या मंत्री रेखा आर्य ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है। आखिर केदारनाथ में मिली हार के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ता निकाय चुनाव के लिए कितने तैयार है…